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प्रीति आत्महत्या मामले में उलझा मंत्री परिवार, दीपक ने लगाए गंभीर आरोप

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Apr 14, 2018

प्रीति रघुवंशी आत्महत्या मामले में शुक्रवार को एक और नया मोड़ आया। पांच दिन तक घर से गायब रहने के बाद प्रीति का भाई दीपक गुरुवार की देर रात वापस लौटा। सात अप्रैल को जब प्रीति के परिजनो ने उदयपुरा न्यायालय में मंत्री परिवार के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश पुलिस को देने के लिए याचिका दायर की थी उसी रात से दीपक गायब था। हालांकि इस बीच वो नौ अप्रेल को उदयपुरा थाने पहुंचा था और पुलिस को बयान दिए थे लेकिन वह अपने घर नहीं पहुंचा था। 
गुरुवार की रात दीपक घर लौटा, शुक्रवार को उसने इन पांच दिनो के घटनाक्रम के बारे में बताया।

दीपक ने दो लोगों के नाम बताते हुए उनके साथ रहने और उनके कहने पर पुलिस को बयान देने, शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने की बात कही है। प्रीति रघुवंशी आत्महत्या का मामला उलझता ही जा रहा है। प्रीति के परिजन लगातार पुलिस और प्रशासन पर मंत्री रामपाल सिंह के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगा रहे हैं। गुरुवार को रायसेन में जुटे रघुवंशी समाज के लोगों ने भी यही आरोप लगाते हुए उदयपुरा टीआई और एसडीओपी को हटाने की मांग की थी।

दीपक का क्या है कहना
गुरुवार रात लगभग दो बजे अपने घर उदयपुरा पहुंचे दीपक ने शुक्रवार को बताया कि उस दिन रात लगभग साढ़े नौ बजे मोनू राय का मेरे पास फोन आया, मैं ब्लॉक पहुंचा जहां से मुझे गाड़ी में बिठाकर भोपाल ले गए। रास्ते में इन लोगों ने ड्रिंक किया और खाना खाया। आज भी मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं नशे में हूं। इन लोगों ने मेरे ऊपर दबाव बनाया और एसडीओपी कार्यालय में जाने को कहा और बोलने के लिए कहा, मेरी मानसिक स्थिति खराब थी इसके बाद एसडीओपी ने कहा कि रायसेन ले जाओ और शपथ पत्र पर साइन कराओ। 

रायसेन में इन लोगों ने शपथ पत्र में क्या लिख मुझे नहीं मालूम, जहां भी कहा मैं साइन करता गया। फिर ये मुझे भोपाल ले गए। फिर दस तारीख की रात आठ बजे उदयपुरा लेकर आए जहां मनोज तोमर मिला, मोनू राय मेरे साथ था। इन लोगों ने कहा कि ऐसा ऐसा बोलना है। मैने जो कुछ भी बोला इन लोगों के दबाब में ही बोला। इसके बाद फिर भोपाल ले गए। गुरुवार की रात मुझे अटवाल बस में बिठाकर उदयपुरा भेजा और कहा कि थाने पर उतरना। जब में थाने उतरा तो चार-पांच लोग खड़े थे। मैं टीआई के पास पहुंचा उसने घर वालों को बुलाकर उनके साथ मुझे भेज दिया। दीपक ने बताया कि मेरे मोबाइल आदि भोपाल में ही हैं, पता नहीं किसके पास हैं।