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दलित कर रहे देशभर में हिंसक प्रदर्शन, चंबल संभाग में हुई 5 मौतें

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Apr 2, 2018

SC-ST एक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद ने पूरे मध्यप्रदेश में हिंसक रूप ले लिया है। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सबसे ज्यादा हिंसा हुई है। कई शहरों, नगरों में तोड़फोड़, आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। जानकारी के मुताबिक इस हिंंसा में 5 लोगों के मारे जाने की सूचना है। ग्वालियर में 2 लोगों की मौत हुई है जबकि भिंड में भी दो और मुरैना में एक की मौत की सूचना है।

हिंसा के चलते कई जगहों पर अभी भी तनावपूर्ण स्थिति—
ग्वालियर
ग्वालियर में दलितों द्वारा भारत बन्द किए जाने के कारण हालात बेकाबू रहे। बैंड समर्थको ने जगह जगह हुड़दंग मचाया। तोड़फोड़, पथराव और गाड़ियों में आग लगा दी गई। कई घंटों तक सड़कें उपद्रवियों के हाथ रही और कई जगह आरक्षण समर्थको से टकराव भी हुआ। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा तो कहीं भीड़ ने पुलिस को, हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने पहले पूरे शहर में धारा 144 निषेधाज्ञा लागू की इसके बाद भी स्थिति बेकाबू रही तो छह थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की गई।

 भिंड 
भिंड में भी बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। यहां भीम सेना और बजरंग दल के कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए। दोनों दलों के समर्थकों के बीच जमकर पथराव हुआ। उग्र होते प्रदर्शन को काबू में करने के लिए पुलिस को गोलियां दागनी पड़ीं, इससे पांच लोगों के घायल होने की सूचना है। मुरैना की तरह भिंड में भी बंद समर्थकों ने नेशनल हाइवे जाम कर दिया। वहां पर गाडियों को रोक कर उसके शीशे तोड़े गए। हिंसा रोकने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की है। मालनपुर में हाइवे जाम कर दिया है, जिसके बाद दोनों और सैकड़ों वाहन फंस गए है। साढ़े तीन घंटे से वहां पर जाम लगा हुआ है।
मुरैना 
मुरैना में हुई हिंसक झड़पों में किशनपुर के सरपंच बलदाऊ पाठक के बेटे बेटू पाठक की मौत हो गई है। राहुल पीजी कॉलेज मुरैना में छात्रनेता है और वह सवर्णों के साथ मिलकर प्रदर्शनकारियों की हिंसा को काबू करने में मदद कर रहा था। उसी समय हुई फायरिंग में उसे एक गोली लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मुरैना में सुबह से ही बंद समर्थकों ने बस स्टैंड, बैरियर चौराहे पर पथराव और हिंसा की है। इस दौरान कई वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई। 

भोपाल
भोपाल राजधानी मे बड़ी संख्या मे दलित संगठनों के लोगो ने जमकर हंगामा किया, देखते ही देखते लोगो की भीड़ बोर्ड ऑफिस चौराहे पर हजारों की संख्या में लोग जमा हो गये दुकानों मे उतपात मचाया गया और फिर हबीबगंज रेल्वे स्टेशन पर कुछ आंदोलनकारी पहुंच गए और ट्रेन रोकने के लिये जैसे ही हबीबगंज रेल्वे स्टेशन की ओर बड़े तो पुलिस ने उन्हे रोक लिया। आंदोलनकारियों ने प्लेटफार्म नम्बर तीन पर कुशीनगर एक्सप्रेस ट्रेन के पीछे विरोध का झंडा बांध दिया जिसके बाद वह वापस आ गये। बता दें कि ये सब पुलिस ने इसीलिए करवाया की कोई तोड़ फोड़ ना हो और आंदोलन कारियों का विरोध भी पूरा हो जाऐ।

सागर  

भारतबन्द को लेकर सागर में स्थिति अभी तनावपूर्ण है। इंटरनेट की मोबाइल डाटा सेवाए गृहमंत्रालय के निर्देश पर बंद कर दी गई है जिसके चलते जियो, आईडिया,एयरटेल  आदि के उपभोक्ता परेशान है। वीडियो और वॉइस कॉल भी बन्द कर दिए गए है। बता दें कल सुबह छह बजे मोबाइल सुविधा चालू होगी।

रतलाम
बाजना, रतलाम में भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जमकर विरोध देखने को मिला। बाजना बस स्टैंड पर दलित समाज के लोगो द्वारा बाजार में दुकानों को बंद करने की अपील की गयी। उसके बाद दोपहर में विभिन्न दलित संगठनो के कार्यकर्ताओं द्वारा नगर में रैली निकाली गई और तहसीलदार संतोष रत्नाकर को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा।
बालाघाट
बालाघाट बन्द के दौरान व्यापारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। दोनों ओर से पथराव हुआ जिसके चलते पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया तभी कलेक्टर ने धारा 144 लागू की।
इंदौर 
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज़ दलित समाज का प्रदर्शन देशभर में जारी है। इंदौर में भी अनुसूचित जाति-जनजाति का उग्र प्रदर्शन रहा और जय भीम के नारे लगाते हुए इंदौर रेलवे स्टेशन पर दलित समाज के लोगों ने ट्रेन रोकने का प्रयास भी किया लेकिन पुलिस ने वहां से सभी को खदेड़ कर भगाया। 

छिंदवाड़ा, सौसर
शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बीच कुछ उपद्रवियों ने पथराव और चक्काजाम किया है Sc,st एक्ट में संशोधन के विरोध में भारत बन्द के परिपेक्ष्य में आज सौसर बन्द का आव्हान अंबेडर अनुयायी,  बिरसा मुंडा अनुयायी के साथ साथ लगभग 20 संगठनों ने किया है जिसमें हरिजन आदिवासियों की महिला पुरुषों की हजारो की तादाद में समावेश रहा जिसमे सुबह से सभी दुकाने बन्द रही 
और खुली हुई दुकानों को बंद करा दिया गया। हजारो की तादाद में लोगो ने रैली निकालकर शहर में प्रदर्शन कर विरोध जताया और तहसील कायालय में महामहिम राष्ट्पति, राज्यपाल के नाम sdm हिमांशु चंद्र को ज्ञापन सौंपा गया। जहां ज्ञापन के दौरान कुछ उपद्रवी तत्वों में लोगो पर पथराव कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जिससे एक महिला घायल हो गई। ज्ञापन के बाद आक्रोशित भीड़ द्वारा चक्काजाम का प्रयास भी किया गया जिसमें लगभग 15 मिनट तक चकक्का जाम किया गया।

पामगढ़
जांजगीर चाम्पा जिले के पामगढ़ ब्लॉक मैं भारत बंद का असर दिखा। पामगढ़ शिवरीनारायण राहोद के सभी व्यापारियों ने भारत बंद को समर्थन दिया। सुबह से ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति संयुक्त मोर्चा द्वारा रैली निकालकर शांतिपूर्वक व्यापारियों से समर्थन मांगा गया। वहीं एससी एसटी एक्ट 1989 के संशोधन के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया गया।

फैजाबाद
फैजाबाद में भी कई दलित संगठन सड़क पर उतरे। रीड गंज चौराहा जाम किया गया। गुलाब बाड़ी से कचहरी तक के लिए विरोध मार्च निकाला गया। इस विरोध मार्च में वामपंथी भी शामिल थे।

बिलासपुर  
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज एसटीएससी संगठन ने बिलासपुर बंद का आवाहन किया था लेकिन व्यपारियो ने इसका समर्थन नहीं किया और दुकाने खोली रखी। लेकिन सड़को पर बड़े जुलुस के हुजूम ने बाजार बंद कराया और रैली की शक्ल में निकले एसटी एससी के लोगो ने पुलिस के साथ में दुकाने बंद करवाई और चेतावनी दी कि जो उनके बंद को समर्थन नहीं देगा उससे वह व्यापार नहीं करेंगे। 

जानकारी के मुताबिक भारत बंद के दौरान पुलिस इंटेलिजेंस फैल हुई है हिंसा के दौरान कई लोगों की मौत हुई है बता दें ग्वालियर में 2, भिंड में 1, मुरैना में 1 की मौत, कई पुलिसकर्मी भी इस दौरान घायल हो गए है। 

IG इंटेलिजेंस का बयान

वहीं इस मामले में IG इंटेलिजेंस का बयान आया है उन्होंने कहा है कि आपसी फायरिंग में मौत हुई है जिसके चलते मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है ग्वालियर, भिंड, मुरैना में फ़ोर्स बढ़ा दिया गया है। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए कई जगह बल प्रयोग किया है जिन जिलों में धारा 144 लगाई गई है उनमें सागर, बालाघाट, दतिया भी शामिल है।

बीएसपी सुप्रीमो मायावती का बड़ा बयान
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने दलितों के प्रदर्शन पर बयान देते हुए कहा है कि हिंसा दलितों की वजह से नहीं हुई है बल्कि प्रदर्शनकारियों के बीच घुसे अराजकतत्वों के कारण हुई है। दलित और आदिवासी तो अपने हक की लड़ाई कर रहे है। मेुं उनके साथ हूंं। वहीं मायावती ने बीजेपी की केंद्र सरकार को दलित विरोधी सरकार बतावते हुए कहा है कि केंद्र सरकार की कथनी और करनी में अंतर है और यह प्रदर्शन बीजेपी की जहरीली जातिवादी सोच का परिणाम है। दलित और आदिवासी अन्याय,शोषण का शिकार है। 

बता दें कि मायावती ने किसी भी प्रकार की हिंसा से अपनी पार्टी का पल्ला साफ कर दिया है और इसके पीछे वह असामाजिक तत्वों का हाथ बता रही हैं। वहीं उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को दलित विरोधी बताया। 

कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी

वहीं कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने बीजेपी पी निशाना साधते हुए कहा है कि मप्र का माहौल दलित विरोधी मानसकिता को दिखाता है एससी एसटी एक्ट में हुए बदलाव का कांग्रेस विरोध करती है दलितों के साथ संवाद शूरू करने में सरकार की कोई रुचि नही है। 

सीएम शिवराज ने ट्वीट कर शांति की अपील की

 सीएम शिवराज सिंह ने ट्वीट कर लोगों से शांति की अपील की है। उन्होंने लिखा, भारत सरकार द्वारा आज सप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन फ़ाइल कर दी गयी है। जनता से अनुरोध है कि वो कृपया शान्ति बनाए रखें।