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संत सिंगाजी महाराज के दर्शन के लिए लाखों की तादात में पहुंचे भक्त 

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Oct 25, 2018

सतीश मसानिया - निर्गुण ब्रम्ह के उपासक संत सिंगाजी महाराज के समाधि स्थल पर शरद पूर्णिमा आस्था भक्ति के साथ मनाई गई यहां हजारों भक्त अपने आराध्य की कृपा पाने के लिए पहुचे। सैंकड़ों सालो से लगते आ रहे सिंगाजी महाराज के मेले का मुख्य दिवस  शरद पूर्णिमा कलियुग में निर्गुण ब्रम्ह के प्रति भक्तों के विश्वास का अनूठा संगम शरद पूर्णिमा पर देखने को मिला। सर्वाधिक अचरज इस बात को लेकर होता है कि लाखों की भक्तों की आवाजाही यहां शरद पूर्णिमा पर होती है यह गुरू के प्रति सच्ची आस्था का ही प्रतिफल होता है कि समूचा आयोजन निर्विध्न सम्पन्न होता है।

पांच सौ वर्ष पुराना है इतिहास

निमाड़ की इस पावन भूमि पर संत सिंगाजी महाराज का भी इतिहास लगभग पांच सौ वर्ष पुराना है और इनकी मुख्य समाधि चारों ओर नर्मदा के बीच छाल्पी ग्राम में मौजूद है शरद पूर्णिमा पर यहां विशाल मेला लगता है और लाखों की संख्या में श्रद्धालु सिंगाजी महाराज के दर्शन करने दूर-दूर से पहुंचते हैं समाधि पर घी दान का महत्व है। श्रद्धालु घी के साथ ही श्रीफल व प्रसादी चढ़ाते हैं। वर्षो से खंडवा जिले के ग्रामीण क्षेत्र से सिंगाजी भक्त निशान लेकर पैदल अपनी भजन मंडलियों के साथ भजन गाते हुए पहुंचते हैं।

भक्तों का लगता है तांता

विगत वर्षो में युवाओं में भी सिंगाजी के प्रति लगाव के चलते युवा भी पैदल अपने आराध्य की समाधि पर निशान लेकर पहुंचते हैं यहां पहुच कर श्रद्धालुओं ने निशान की पूजा अर्चना भी की पूर्णिमा के एक दिन पूर्व प्रदेश के कई जिलों से भक्तो का ऐसा हुजुम उमड़ा सुबह से ही  लम्बी कतार के चलते दर्शन करने के लिए भक्तों की लाइन लगी हुई होती है चमत्कारी सिंगाजी महाराज के दर्शन मात्र से सभी का कल्याण होता है और पुरानी से पुरानी बीमारियां भी भक्तों की दूर होती।