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समय सीमा में निर्माण कार्य पूरे नही करने वाली पंचायतो पर होगी कार्रवाई : जिला पंचायत सीईओ

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Sep 29, 2018

सुरेश नागर - पंचायती योजनाओ और सरकारी निर्माण कार्यो को समय सीमा में पूरा नही किए जाने से नाराज जिपं सीईओ ने तहसील की 13 पंचायतो पर धारा 40 के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। वही मौके पर काम नही होने उपरांत भी राशि आहरण करने वाली दो पंचायतो के जिम्मेदारो को धारा 92 के तहत नोटिस थमाए गए है। इसके अलावा दर्जनो पंचायतो में विभिन्न कार्यो को लेकर पंचायतकर्मियो को कारण बताओ नोटिस सहित अन्य कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।

जिम्मेदारो पर सख्त कार्रवाई

गुरूवार को जनपद पंचायत सभाकक्ष में जिपं सीईओ सीईओ ने शासकीय कार्यो में लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारो पर सख्त कार्रवाई की बात कही है। उल्लेखनीय है कि समीक्षा बैठक के दौरान अधूरे पीएम आवास, शौचालय, आंगनवाड़ी भवन, अपात्र हितग्राहियो की सूची उपलब्ध कराने, कपिल धारा कूप निरस्त करने, अतिक्रमण, मस्टर जारी करने , वर्क कोर्ड जारी और बंद करने जेसे प्रमुख मुद्दो पर पंचायतवार चर्चा की गई।

सचिव को लगाई फटकार

वही इन कार्यो में अनियमित्ता बरतने वाले रोजगार सहायक, सचिव को बैठक के दौरान फटकार लगाते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए गए।वही कई पंचायतो में निर्माण कार्यो की जांच हेतु जनपद सीईओ, उपयंत्री को निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए गए। 

इन पंचायतो को जारी होंगे नोटिस

अधूरे निर्माण कार्यो सहित पंचायती योजनाओं में लापरवाही बरतने पर ग्राम पंचायत मंडावर, रलायती, परसुखेड़ी, टिकरिया, पीपलखेड़ा, धनखेड़ी, कोटरा, चाठा, बिजौरी, बडऩगर, हरलाय, भवानीपुरा, कोटरीकंला पर धारा ४० की कार्रवाइ प्रस्तावित की गई है। वही निर्माण कार्य नही होने के बावजूद राशि आहरण करने पर लसूडल्याहाजी, बोकड़ी पंचायत पर धारा ९२ की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। इसके अलावा उदयपुरिया, चारपुरा, गागर, मुगलखेड़ी, पीपल्यारसोड़ा, गिंदौली सहित दर्जनो पंचायतो के पंचायत सचिव, रोजगार सहायक को कारण बताओ सहित अन्य कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए जा रहे है।

नोटिसो तक सीमित कार्रवाई

पंचायतो में लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारो पर कार्रवाई महज नोटिसो तक ही सिमट कर रह जाती है। देखने में आया है कि हर बार समीक्षा बैठक के दौरान पंचायत जनप्रतिनिधि और पंचायत सचिव, जीआरएस को नोटिस जारी किए जाते है लेकिन नोटिस जारी किए जाने के बावजूद सुधार देखने को नही मिलता ऐसे में प्रशासन की यह कार्रवाई भी दिखावा बनकर रह जाती है नरसिंहगढ़ जनपद पंचायत ने तो नोटिस जारी कर सॉठ-गॉठ करने का ट्रेंड बना लिया है इसका बड़ा उदाहरण गागर पंचायत है जहां लाखो का भृष्टाचार सिद्ध होने के बाद भी जिम्मेदारो पर कोई कार्रवाई नही हो सकी है।