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खेलो में न करें समय बर्बाद, सरकार से नहीं मिल रही कोई मदद: अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

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Jul 20, 2018

अमित निगम : मैं इस प्रदेश के हर खिलाड़ी और खासकर लड़कियों से अपील करना चाहती हूं, कि आप जूडो जैसे खेल खेलने में अपना समय बरबाद न करें। अपने जिले, राज्य, देश के लिए मेडल हासिल करने के लिए आप सालों मेहनत करते हैं, लेकिन मप्र की सरकार हमारी कोई मदद नहीं कर सकती।

ये बात रतलाम शहर में ही जन्मी अंतरराष्ट्रीय जूडो और कुराश खिलाड़ी, एशियन चेम्पियनशिप 2018 में कांस्य पदक विजेता नौशिन कादरी ने गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। नौशीन ने बताया कि वे भिवानी हरियाणा में शासकीय प्रशिक्षण सेंटर में रहकर कॉमनवेल्थ चेम्पियनशिप और ओलंपिक के लिए तैयारी कर रही है। भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस स्तर पर चुनी गई वे रतलाम और मप्र की पहली कुराश (मार्शल आर्ट) खिलाड़ी है। बावजूद इसके जब उन्होंने खेल एवं युवक कल्याण विभाग से अपने प्रशिक्षण के लिए मदद मांगी तो प्रदेश सरकार से उन्हें ऐसा जवाब मिला है, जिसने उनकी हिम्मत, आगे बढऩे की उम्मीद और सपने सब तोड़कर रख दिए हैं। भारत और प्रदेश का नाम रोशन करने वाली खिलाड़ी को आगे तैयारियों के लिए सरकार ने कोई भी मदद देने से इनकार कर दिया है।

नौशीन के अनुसार उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर 9 अप्रैल 2018 को शिकायत की थी, कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली है। उन्होंने प्रदेश सरकार से आगे के अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलने के लिए प्रदेश सरकार से मदद भी मांगी, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से सीएम हेल्पलाइन पर सीधे उनकी शिकायत निरस्त कर दी गई। इसके लिए हेल्पलाइन पर केवल यही कारण बताया गया है कि नए नियमों के अनुसार वे पात्र नहीं है। नौशीन ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायत के संबंध में आज तक न तो कोई अधिकारी उनसे मिलने पहुंचा और ही शासन के किसी नुमांइदे ने आज तक उनसे संपर्क किया है। 

प्रदेश सरकार के पास एसी कोई पॉलिसी नहीं है जिससे सरकार जूडो, कुराश जैसे खेल खेलने वाले सीनियर खिलाडिय़ों की कोई मदद कर सके। पॉलिसी के अभाव में उनके साथ खेलने वाला हर खिलाड़ी नौकरी की तलाश कर खेल से दूर हो चुका है।

12 सालों से हर रोज 16 घंटो की मेहनत……
नौशीन ने बताया कि उन्होंने 2006 में जूडो खेलना स्कूली स्तर पर प्रारंभ किया था। उन्होंने 22 मार्च 18 देश के लिए कास्यं पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। इसके पहले 4 बार आरजीपीवी में स्वर्ण पदक, 2 बार ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी स्पर्धा, राज्य स्तरीय स्पर्धा में में स्वर्ण पदक, दो बार राज्य स्तरीय स्पर्धा में कांस्य पदक, 2 बार सीनियर राष्ट्रीय जूडो स्पर्धा में भाग ले चुकी हैं। प्रदेश के लिए कई बार पदक जीते हैं, लेकिन प्रदेश सरकार का यह रूख उनकी हिम्मत तोड़ रहा है। नौशीन ने बताया कि खाना, पानी, मेहनत, के आगे उन्होंने अपना बचपन सब कुछ झोंक दिया। बावजूद इसके उन्हें सरकार यह बता रही है कि केवल 19 साल तक की उम्र तक ही खिलाडिय़ों को सरकार कोई भी मदद दे सकती है। नौशीन ने कहा कि परिवार 12 सालों से आर्थिक सहायता, डाईट, तैयारी के सामान में मदद कर रहा है, लेकिन अब उनके पास भी संसाधन और हिम्मत खत्म हो रही है।

केवल दहेज देती है प्रदेश सरकार….
नौशीन की मां हीना कादरी ने प्रदेश सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हरियाणा में अतंरराष्ट्रीय पदक प्राप्त करने पर खिलाडिय़ों को आर्थिक सहायता के साथ तैयारी का अवसर, शासकीय नौकरी सब दिया जाता है,