Apr 23, 2019
अमित चौरसिया- डॉ मनोज मुराली सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय मंडला में पदस्थ हैं । आज वे साढ़े पांच हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुए। डॉक्टर मनोज मुराली की इस भृष्ट एवं शर्मनाक करतूत का जबलपुर लोकायुक्त की टीम की कार्रवाही द्वारा पर्दाफाश किया गया। जानकारी के मुताबिक डॉ. मनोज मुराली ने संबंधित पीडित से रिश्वत के रूप में 15 हजार रुपये माँगी थी।
जिला चिकित्सालय मंडला पदस्थ सी, एस डॉ, मुकेश मुराली सिविल सर्जन को लोकायुक्त जबलपुर की टीम के द्वारा 5,500 रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। हरीश चंद पिता धरम लाल उइके ग्राम अमझर तहसील नैनपुर के द्वारा लोकायुक्त में शिकायत की गई थी कि डॉ. मुकेश मुराली ने बीमा क्लेम फार्म में हस्ताक्षर करने के एवज में 15000/- पंद्रह हजार की रिश्वत मांगी है। जिसकी पहली क़िस्त देते समय लोकायुक्त की टीम ने डॉक्टर को 5,500 लेते हुए रेंज हाथों धर दबोचा।
न कोई डॉक्टर टाइम पर आता है, न ही सही इलाज करता है
हालाँकि ये अकेले ऐसे भृष्ट डॉक्टर नहीं हैं। मण्डला ज़िला चिकित्सालय में भ्रष्ट लोगों का पूरा की पूरा गिरोह चल रहा है। न कोई डॉक्टर टाइम पर आता है, न ही सही इलाज करता है। इनके दलाल डॉक्टर के पर्सनल क्लीनिक पर जाने की पूरी व्यवस्था बनाने में आतुर रहते हैं। यह बात शर्त के साथ कही जा सकती है कि मण्डला ज़िला चिकित्सालय में कोई भी डॉक्टर समय पर नहीं मिलता। अब मण्डला जैसी जगह के ये हाल हैं तो ज़िले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के हाल तो सब समझते ही हैं।