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पेयजल स्त्रोतों ने तोड़ा दम, गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

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Mar 26, 2018

कोलारस तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम रामपुरा, देहरोद, खजूरी, कुदोनिया, खरई, सुआटोर तथा भेड़ोन में इन दिनों पेयजल संकट ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। भूजल स्तर अत्यंत नीचे जाने से गांव के अधिकांश हैंडपंप पानी छोड़ चुके हैं। इसके अतिरिक्त वहां पर अन्य जल स्त्रोत हैं नहीं।

इसके अलावा ग्रामीण गांव से काफी दूर स्थित ट्यूबवेल या नदी नालों से पानी भर रहे हैं। लेकिन इनमेें कई गांव ऐसे हैं जहां बिजली कंपनी ने अधिकांश उपभोक्ताओं पर बिजली बिल बकाया बताकर लाइट काट दी और डीपी तक उठा ले गए। ऐसे में जो खेतों पर बोर लगे थे तथा जो पानी देने में भी सक्षम थे, वह सब बेकार होकर रह गए हैं। ऐसे में ग्रामीण जनता पीने के पानी के लिए परेशान हो रही है और जनप्रतिनिधि व अधिकारी उदासीन बने हुए हैं।

ग्रामीणों का क्या है कहना
हमारे गांव में जो हैंडपंप थे, वह काफी पहले ही भूजल स्तर नीचे जाने से साथ छोड़ चुके हैं। गांव के ट्यूबवैल में भी पानी नीचे चला गया है।  ऐसे में पीने के पानी की बहुत परेशानी आ रही है। हमारे गांव में जो भी जल स्त्रोत थे वे अब पानी देने की स्थिति में नहीं बचे हैं। इसलिए हम गांव के बाहर से निकली नदी से पानी भरकर लाते हैं, जिसका पानी काफी गंदा है लेकिन मजबूरी के चलते उसी को छानकर पी रहे हैं। इसी नदी के पानी में जानवर भी पानी पीते हैं तथा नहाते हैं। 

यह बोले जिम्मेदार
आप जिन गांवों में हैंडपंप खराब होना बता रहे हैं, उसकी जानकारी हमें नहीं है। फिर भी आपके द्वारा जो जानकारी मिली है उसके आधार पर सभी प्रभावित गांवों में मैकेनिक भेजकर खराब हैंडपंपों को ठीक कराया जाएगा, तथा कुछ में जरुरत के हिसाब मोटर भी डलवाई जाएगी।
केके सक्सेना, उपयंत्री 
पीएचई कोलारस