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करोंड़ो रूपए के डस्टबिन हुए कबाड़, विदेशों की तर्ज पर होगा कचरा कलेक्शन

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Apr 19, 2018

मध्यप्रदेश के ग्वालियर नगर निगम द्वारा करोड़ों रूपए के डस्टबिन कबाड़ हो गए हैं और अब फिर से विदेशों की तर्ज पर कचरा कलेक्शन के नाम पर करोड़ों रूपए बर्बाद किए जा रहे है। नगर निगम स्वच्छता अभियान के नाम पर जमीन के अंदर हाईड्रोलिक डस्टबिन लगा रही है वहीं विपक्ष स्वच्छता अभियान के नाम से खरीदे जा रहे हाईड्रोलिक डस्टबिन के खिलाफ है। उनका कहना है कि अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए करोड़ो रूपए के डस्टबिन लगाए जा रहे है।

सैकडों की संख्या में कबाड़ हो चुके लोहे के डस्टबिनों की जगह अब ग्वालियर में हाईड्रोलिक डस्टबिन लगाने का काम शुरू हो गया है। जिससे अब ग्वालियर के गली मोहल्लों और सड़कों पर  कचरा दिखाई नही देगा। क्योंकि ग्वालियर नगर निगम हाईड्रोलिक डस्टबिन शहर के 50 स्थानों पर लगा रही है। साथ ही पूरे शहर में गंदगी से मुक्त करने के लिए घर-घर गीले और सूखे कचरे के डस्टबिन दिए जाएंगे। जिनके कचड़े का कलेक्शन रात में किया जाएगा।

स्वच्छता सर्वें में शहर में 400 से 500 जगह कचरा इक्क्ठा होता है इसीलिए 15 अस्थायी कचड़े घर बनाए जा रहे है, अंडर ग्राउड डस्टबिन लगाए जा रहे है, बटन दबाने से ऊपर आएगा चार वर्ष में पूरे शहर को डस्टबिन मुक्त होगा।

1.         कचड़ा कलेक्शन केंद्र जमीन के अंदर होगा।

2.        एक निजी कंपनी को ठेका दिया है।

3.         पहले शहर में 50 हाईड्रोलिक डस्टबिन लगेंगे फिर 100

4.·         इनके लगने से कचड़े से बदबूं नही आएंगी।

5.         दो डिब्बे होगें गीले ओर सूखे कचड़े के।

6.         4 साल में अंदर पूरे शहर में लग जाएंगे।

7.         डस्टबिन मु्क्त ग्वालियर बनाना है।

वहीं निगम के इन हाईड्रोलिक डस्टबिन का विरोध भी शुरू हो गया है। निगम के नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि निगम आयुक्त अपने ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए ये डस्टबिन लगवा रहे है, जबकि ग्वालियर में हजारों डस्टबिन कचड़े के ढ़ेर में पड़े है, जिनकी सुध कोई नही ले रहा है। क्योंकि उन्हें लगवाने से ठेकेदारों से कमिशन नही मिलेगा।   

स्वच्छता अभियान के तहत ग्वालियर में हाईड्रोलिक डस्टबिन जमीन के अंदर लगाए जाएंगे। जो कचड़े से भरने के बाद खुद स्वत: ऊपर निकल आएंगे। ये डस्टबिन 10 बाय 10 फीट के होगें, जो एक स्थान पर दो लगाए जाएंगे। साथ ही इनकी गहराई भी 15 से 20 फीट होगें जो जमीन के ऊपर डाक पोस्ट आकार के बॉक्स होगें। फिलहाल इन्हें लगाने में 6 महीने से ज्यादा का वक्त लगेगा। लेकिन पुराने करोड़ो रूपए के डस्टबिनों ने हाईड्रोलिनक डस्टबिन के मामले में निगम कमिश्नर को विवादों में ला दिया है। ऐसे में देखना होगा, ये विवाद कब खत्म होता है।