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सिवनी में नवदंपत्ति ने लिए आठ फेरे, पर्यावरण संरक्षण की उठाई जिम्मेदारी

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Apr 24, 2018

सिवनी में एक नव दम्पत्ति ने आठ फेरे की शादी कर एक मिसाल पेश की है। इस नव वर वधु ने शादी का आठवां फेरा लेकर पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी उठाई है और इस विवाह की चर्चा चारों और हो रही है। सिवनी की इस अनोखी शादी में लडकी पक्ष ने शादी की रश्मों और दहेज देने के रूप में पौधे देकर प्रकृति को बचाने का संदेश दिया है। बल्कि शादी के बाद दोनों परिवार ने 2500 हजार पौधे लगा कर उनका पालन पोषण करने का फैसला लेते हुए पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया है जो समाज के लिए प्रेरणा साबित हो रहा है। 

अमूमन नव दाम्पत्य जीवन की शुरुआत के वैवाहिक कार्यक्रम में वर-वधु सात फेरे लेते हैं लेकिन जिले में एक ऐसी अनोखी शादी के लोग साक्षी बने जहां वर-वधु ने सात फेरे के बाद आठवां फेरा लिया। यह फेरा पृथ्वी और प्रकृति को बचाने, पर्यावरण सुरक्षा के संदेश के लिए था। 
इससे पहले दोनों ने एक दूसरे को वरमाला डालने के बाद पौधें भी भेंट कर समाज को पर्यावरण बचाने का संदेश दिया।

जनमानस को दिया संदेश
कृषि विभाग में कार्यरत जैतपुरकला निवासी जागेश्वर प्रसाद बघेल के पुत्र बसंत का विवाह खैरीकला निवासी अमर सिंह बघेल की पुत्री आराधना के साथ हुआ। मंच पर वर-वधु ने एक दूसरे को वरमाला पहनाने के साथ ही एक दूसरे को पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश जनमानस को दिया। दूल्हे ने पीपल का पौधा तो दुल्हन ने आम का पौधा भेंट किया। हरियाली के महत्व को समझने वाले दोनों परिवारों का यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। इसके बाद वधु के भाई ने दहेज के तौर पर रस्म के रूप में पैर पखारने पर पूछा कि आप दहेज में क्या डाल रहे हैं तो उन्होंने 500 फलदार पौधे डालने का वचन दिया। इसके बाद वर और वधु पक्ष के लोगों ने एक-एक हजार पौधरोपण करने और जब तक पौधे पांच-छह फुट की ऊंचाई तक न हो जाए उनकी संरक्षा, सुरक्षा, पानी देने आदि की भी शपथ ली।

दूल्हे का क्या है कहना
दोनों परिवार यह पौधे पार्क, मंदिरप्रांगण, स्कूल व खेतों की मेढ़ व मार्ग के किनारे लगायेंगे जहां उन्हें वे पानी दे सके और उनका पर्याप्त संरक्षण कर सकें। दूल्हे बसंत ने बताया कि दोनों अब समाज में होने वाले वैवाहिक कार्यक्रम में पौधे लगाने के लिए प्रेरित करने एक पौधा भेंट करेंगे।

पर्यावरण बचाने की ली शपथ
जब अग्नि को साक्षी मान कर सात फेरे लेकर वैवाहिक जीवन के सात प्रमुख वचनों को पूरा करने के संकल्प लेने की बारी आई तो वैवाहिक बंधन में बंधने वाले वर-वधु ने सात फेरों के बाद पर्यावरण को बचाने के महान उद्देश्य को लेकर पृथ्वी और प्रकृति को बचाने के संकल्प करते हुए एक अतिरिक्त आठवां फेरा लगाया। उन्होंने प्रत्येक वर्षगांठ और अन्य संस्कारों में भी पौधे लगाने की शपथ ली।

दुल्हन का क्या है कहना
दुल्हन आराधना का कहना है कि वह अपने पति के कदम से कदम मिला कर चलेगी और पर्यावरण संरक्षण में पूरा साथ देगी। यदि दोनों में से कोई भी इस बात को भूलता है तो वह एक दूसरे को याद दिलाने का काम करते रहेंगे। इस लिए वैवाहिक जीवन का पहला दिन शुरू होते ही दोनों वर-वधु पक्षों से मिलकर पौधरोपण कार्य को बढ़ावा देने की तैयारी में जुट गए हैं। वहीं वर वधु के परिजन भी इस पहल से काफी खुश है। परिजनों का कहना है कि जो सीख बचपन में उन्होंने अपने बच्चो को दी थी वह आज रंग ला रही है।