Aug 24, 2018
गब्बर सिंह ठाकुर - पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखने के लिये मिट्टी के गणेश का प्रशिक्षण लोगो को दिया जा रहा है एप्को संस्थान में ग्रीन गणेश महोत्सव के तहत मिट्टी के गणेश बनाने को लेकर यह कार्यक्रम किया गया है प्रशिक्षण दे रहे सुनील दुवे (बृक्ष मित्र) ने बताया की अगर हम मिट्टी के गणेश बनाते है तो इन की साज सज्जा के लिये कही बाहर से कलर लाने की जरुरत नही पड़ती है हम घर मे उपयोग करने वाली वस्तुओं से ही मिट्टी के गणेश मे कलर भर सकते है।
जब हम मिट्टी के गणेश का पानी मे विसर्जन करते है तो पानी दूषित नहीं होता है औऱ पर्यावरण दूषित होने से बचता है इस लिये सभी को मिट्टी के गणेश जी की प्रतिमा अपने घरों मे रखनी चाहिये मिट्टी के गणेश की प्रतिमा लोगो मे एक अवेयरनेस के लिये भी लाभ दायक है क्यों की जब हम पीओपी के गणेश प्रतिमा रखते है औऱ जब हम उन्हे पानी मे विसर्जित करते है तो वह प्रतिमा पानी मे घुलती नही है।
जो रंग प्रतिमा मे उपयोग किया जाता है उससे पानी दूषित होता है औऱ वह मानव एंव जीव जंतू के जीवन मे हानी पहुंचाने का काम करती है इस लिये जहां तक हो तो लोगो को पीओपी की प्रतिमाओं को रखने से बचना चाहिये औऱ मिट्टी के गणेश जी का ही उपयोग करना चाहिये साथ ही जो पीओपी की मूर्तियों मे खरीदने मे वे वजह धन खर्च किया जाता है उससे भी बचा जा सकता है।