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कर्ज से दबे किसान ने कीटनाशक पीकर की आत्महत्या

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Jul 23, 2018

मुकुल शुक्ला : प्रदेश में जहां एक ओर लगातार महिलाओं, युवतियों से अनाचार के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं वहीं कर्ज से दबे किसानों की खुदकुशी के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं जो कहीं न कहीं सरकार की किसानों की हितैशी योजनाओं की जमीनी हकीकत को बयां करती है कुछ ऐसे ही हालात बुंदेलखंड अंचल के सागर के हैं जहां लगातार किसानों की खुदकुशी के मामले सामने आ रहे हैं। 

ताजा मामला रहली विधानसभा के पटना बुजुर्ग गांव के किसान भगवानदास कुर्मी का है जिन्होंने अपने खेत पर ही कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की और जैसे ही किसान के बेटे को इस बात की जानकारी लगी तो उसने तुरंत ही पिता को साधन के अभाव में कंधे पर उठाकर सड़क तक और फिर किसी तरह साधन जुटाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रहली ले जाया गया।

जहां घंटे भर बाद उसे बुंदेलखंड मेडीकल कॉलेज सागर रेफर कर दिया गया। जहां किसान की हालत फिलहाल बहुत गंभीर बनी हुई है उसके गले में सूजन आ गई है जिससे वो न बोल पा रहे हैं न कुछ सुन पा रहे हैं वहीं किसान के बेटे उमेश ने बताया कि उनके पिता ने कुटीर, कोऑपरेटिव बैंक, केसीसी, बेटी की शादि के लिए कर्ज लिया था जिससे वो परेशान थे। हालांकि उन्होंने अपने परेशानी की बात परिवार से छुपाई ताकि किसी को कोई तकलीफ न हो। 

लेकिन जब तनाव हद से ज़्यादा हो गया तो उन्होने ये आत्मघाती कदम उठाया वहीं उनके भाई लखन ने चौकाने वाले आरोप लगाए हैं बकौल किसान के भाई के जब वे प्राथमिक उपचार के लिए रहली स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां डॉक्टर ने इलाज शुरु करने से पहले बार-बार उनसे उनकी जाति पूछी। वहीं एक घंटे में एक बाटल चढ़ाने के बाद उनके भाई को सागर रेफर कर दिया। इतना ही नहीं अस्पताल में न ही उन्हें एंबुलेंस मिली न ही बेहतर इलाज जिसके बाद किसी तरह वे प्राइवेट जीप से सागर पहुंचे जहां उनका इलाज किया जा रहा है।