Loading...
अभी-अभी:

छिन्दवाड़ाः मोहगांव जलाशय पर किसानों का धरना आंदोलन, कर रहे उचित मुआवजा देने की मांग

image

Dec 7, 2019

दिनेश धरपुरे - मोहगांव जलाशय पीड़ित कृषकों के द्वारा जलाशय निर्माण स्थल पर धरना प्रदर्शन एवं चक्का जाम किया गया। जिसमें किसानों की मुख्य मांग मोहगांव नगरपालिका की गाइडलाइन एवं परिसंपत्ति की पुनर्गणना कर उचित मुआवजा, विस्थापन का सभी पीड़ित परिवार को लाभ, अन्य मांगों को लेकर किसानों ने उग्र आंदोलन किया। किसान पिछले कुछ दिनों से शासन के आश्वासन पर निश्चिंत थे लेकिन कल जब किसानों के द्वारा एसडीएम सौसर से मुलाकात की गई और जांच का जो आश्वासन दिया गया था, उसके बारे में चर्चा की गई।

सौसर के एसडीएम राजस्व पर लगाया किसानों के साथ बदसलूकी का आरोप

एसडीएम सौसर के द्वारा पीड़ित किसानों के साथ अभद्र व्यवहार करने के कारण किसान उग्र हो गए एवं आंदोलन पर उतर आए। किसान सुबह 9:00 बजे से धरने पर बैठे थे एवं चक्का जाम किया हुआ था। करीब 12:00 बजे के लगभग सौसर नायाब तहसीलदार महोदय एवं मोहगांव थाना प्रभारी एवं फारेस्ट के अधिकारियों जल संसाधन के अधिकारियों जब स्थल पर पहुंचे। तब किसानों को समझाया गया एवं किसानों की मांगों को माना गया। विभाग के द्वारा त्वरित 20 से 22 किसानों का स्थल निरीक्षण किया गया, जिसमें भारी अनियमितता पाई गई।

किसानों का आरोप, सही सर्वे नहीं किया गया

विभाग के द्वारा आश्वस्त किया गया कि कल पुनः आकर बाकी किसानों का भी स्थान निरीक्षण किया जाएगा। जिसमें जो भी अनियमितता हुई है, उसकी जांच की जाएगी एवं जांच होने के बाद सरकार के समक्ष रखी जाएगी। पीड़ित किसानों के द्वारा सरकार के समक्ष अपनी समस्या कई बार रखी जा चुकी है लेकिन कल तक सरकार यह सरकार के प्रतिनिधित्व के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई जांच नहीं कराया गया या न ही कोई प्रतिकार दिया गया। अब पीड़ित किसानों के सब्र का बांध टूट गया है। उनका कहना है कि हमारी मांगों का समय रहते हुए उचित निदान नहीं किया गया तो हम उग्र आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।

सर्वे अधिकारियों की मिलीभगत से किसानों का हुआ नुकसान

किसानों को बहुत ज्यादा आर्थिक क्षति पहुंची है। जो सर्वे हुआ है, उसमें बहुत ज्यादा अनियमितता है और बहुत से किसानों के पास में सिंचित की रजिस्ट्री रहने के बाद उनको असिंचित का मुआवजा दिया गया। नए भू अर्जन अधिनियम के हिसाब से किसी भी चीज को लागू नहीं किया गया। नगरी क्षेत्र के निकट होने के बावजूद भी नगरी क्षेत्र की गाइडलाइन नहीं दी गई है। इसीलिए किसान में बहुत ज्यादा आक्रोश है और किसान भविष्य में इससे बड़े आंदोलन की ओर जा सकते हैं।