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जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा चार वर्षीय मासूम आराध्य

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May 18, 2018

जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा चार वर्षीय मासूम आराध्य का जीवन बचाने लगभग 35 लाख रुपए की दरकार है इलाज में 20 लाख रुपए खर्च कर चुके पिता खाली हाथ बैठे हैं हर सप्ताह कैंसर पीड़ित मरीज की तरह कीमो थैरेपी के जरिए जिंदा रह पा रहे आराध्य को बीमारी से तब निजात मिलेगी जब उसका बोनमैरो ट्रांसप्लांट हो जाएगा।

सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती आराध्य को बोनमैरो देने के लिए डोनर मिल गए हैं लेकिन ट्रांसप्लांट तब होगा जब पैसे की व्यवस्था हो जाएगी अन्यथा यह मासूम इलाज के अभाव में दम तोड़ देगा मदद के लिए आराध्य के पिता राज्य से लेकर केंद्र सरकार से मिल चुके है दोनों जगह से उन्हें आश्वाशन तो मिला पर मदद नहीं जिसके के बाद अब शहर के कुछ समाजसेवी मदद के लिए आगे आये है।  

चार साल के मासूम आराध्य का परिवार शहर की केशव कॉलोनी में निवास करता है इनके पिता पवन कुमार शर्मा प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाते हैं लेकिन चार महीने पहले बेटे की बीमारी सामने आई तो उन्होंने इलाज की भागदौड़ में यह जॉब बंद कर दी जो भी जमा पूंजी थी उसके अलावा कर्ज लेकर तकरीबन बीस लाख रुपए अभी तक बेटे के इलाज पर खर्च कर दिए।

मासूम के पिता पवन का कहना है मार्च से उसकी तबियत बिगड़ना शुरू हुई थी जिसके बाद पहले मुरैना ग्वालियर दिखाया जहाँ डॉकटरो ने उसे दिल्ली दिखाने की सलाह दी जब दिल्ली गए तो वहां हुई जांचो से पता चला कि उसे बोनमेरो की दिक्कत है तभी से आराध्य वही भर्ती है पवन ने बताया कि हर सप्ताह आराध्य का कीमो थैरेपी कराना पड़ती है क्योंकि ब्लड में इंफेक्शन के चलते उसका विकास नहीं हो पा रहा और बुखार सहित अन्य बीमारियां घर कर गईं हैं।

कीमो से उसकी हालत में सात दिवसीय सुधार हो जाता है लेकिन स्थाई समाधान तब होगा जब बोनमैरो ट्रांसप्लांट कर दिया जाएगा उसके बोनमैरो ट्रांस्पलांट के लिए डोनर मिल गए लेकिन फिर 35.40 लाख रूपये चाहिए जिसको लेकर वह मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम के माध्यम से एमपी सरकार और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह के माध्यम से केंद्र सरकार को मदद की गुहार लगा चुके है लेकिन अब तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली है साथ ही उनका कहना है उन्हें यह भी बताया गया है कि इस बीमारी के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है केवल मुख्यमंत्री राज्य सहायता कोष से दो लाख रूपये दिए जा सकते है।  

मासूम का चेहरा सामने आने के बाद नेकी की दीवार टीम ने आराध्य का जीवन बचाने मुहिम शुरू कर दी है उन्होंने आमजन से अपील की है कि यदि जिले भर के लोग मदद करें तो आराध्य बीमारी से उबरकर एक बार फिर अपने जीवन की शुरूआत कर सकेगा लोग मदद की राशि नेकी की दीवार जन सेवा समिति के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया एमएस रोड मुरैना के खाता नंबर 3667583516 व आईएफएससी कोड नंण् सीबीआईएन 0280781 में जमा करा सकते हैं इस राशि को आराध्य के इलाज पर खर्च किया जाएगा अभी तक नेकी की दिवार के माध्यम से एक लाख रूपये की राशि एकत्रित हुई है। 

जिंदगी मौत के बीच झूल रहे आराध्य की हालत देखकर आठ वर्षीय ज्येष्ठा का कलेजा पसीजा है ज्येष्ठा ने घर में रखी अपनी उस गुल्लक को तोड़ दिया जिसमें वह अपने माता पिता से पैसे लेकर जमा करती है गुल्लक तोड़कर ज्येष्ठा ने अपने पिता तेजेंद्र खेड़ा से कहा कि इस पैसे को वह आराध्य को दे आएं ताकि उसका बोनमेरो बदल जाए।

नन्ही उम्र में बेटी का समर्पण देखकर वह उसे लेकर नेकी की दीवार टीम के पास पहुंचे तो टीम इस बिटिया को साथ लेकर शहर में सहायता मांगने निकल गई नन्ही ज्येष्ठा का कहना है कि वह अपनी गुल्लक में तीन साल से पैसा जमा कर रही थी जिससे वह अपने लिए साइकिल खरीदना चाहती थी अब वह चाहती है आराध्य जल्द ही ठीक होकर आ जाए जिस से वह उसके साथ खेल सके।