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मामा की भांजिया पैदल जाने को हुई मजबूर, जानिए पूरी खबर!

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Feb 17, 2018

रायसेन। प्रदेश सरकार भले ही बच्चों को स्कूलों में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कितने भी प्रयास करें परंतु तथाकथित अधिकारी कर्मचारी और ठेकेदार अपनी मनमर्जी के चलते बच्चों का भविष्य ही भूल जाते है। ऐसा ही कुछ मामला रायसेन जिले का है जहां रायसेन जिले के 7 विकासखंडो मे जहां शासन की मुफ्त साइकिल वितरण योजना का लाभ करीब 15 हजार छात्र छात्राओं को अभी तक नहीं मिल पाया है वहीं कक्षा 9वीं का पूरा सत्र खत्म होने आ रहा है लेकिन फिर भी प्रशासन लापरवाह बना हुआ है।

आपको बता दें कि आधा सत्र बीत जाने के बाद भी अभी तक योजनाओं का लाभ छात्राओं को नहीं मिल सका है। साफ तौर पर इसमें विभागीय अफसरों का सुस्त रवैया ही दिखाई दे रहा हैं।और इस वजह से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जो अपने आपको भांजियों का मामा कहते हैं उनकी भांजीया बिना साइकिल के पैदल जाने को मजबूर हो रही है।

रायसेन जिले की सिलवानी तहसील सहित सभी तहसीलों मैं ब्लॉक के मिडिल और हाई स्कूल  में लगभग 15 हजार छात्र छात्राओं को बीते 8 महिने पैदल ही स्कूल जाने को विवश होना पड़ रहा है। साइकिल के बगैर इन बेटियों को 3 से लेकर 5 किमी का लंबा रास्ता पैदल ही तय करने को मजबूर होना पड़ रहा है। 16 जून को स्कूल खोलने के बाद से वह साइकिल मिलने की आस में पैदल स्कूल जा रहे हैं मगर इन लड़कियों को अब तक साइकिल नहीं सिर्फ मायूसी मिली है अब भी शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले में सुस्ती बरत रहे हैं। जिससे पिछली बार की तरह ही इस माह की फरवरी अंत तक साइकिल मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

मालूम है कि साइकिल वितरण योजना के अंतर्गत ब्लाक में 6वीं कक्षा में इस साल प्रवेश लेने वाले लगभग 6300 एवं 9वी कक्षा मे प्रवेश लेने वाले लगभग 9 हजार छात्राओं को साइकिल वितरण की जानी है लेकिन जिले और प्रदेश के शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर मामले में जमकर कोताही बरत रहे है 

वहीं इस मामले में ग्राम डुगरिया की नौवीं क्लास की छात्रा सीमा गौर ग्राम हमीरपुर की पूजा ठाकुर का कहना है कि साइकिल न मिलने से रोज हमें 3 से 4 किलोमीटर दूर शासकीय हाई स्कूल चिचोली पैदल जाना पड़ता है इसी तरह ग्राम चौका से आने वाली विशाखा आदिवासी और शुभी काकोड़िया कक्षा छठवीं क्लास की दोनो छात्रा दो किमी पैदल चलकर माध्यमिक शाला जुनिया आती है। छात्राओं का कहना है कि जिससे हम समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते और हम अपनी पढ़ाई भी नहीं कर पाते और हमें अकेले पैदल घर जाने में डर भी लगता है।

अधिकारियों ने गलतियों से नहीं लिया सबक
ज्ञात है कि पिछली बार भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस गंभीर मामले को प्राथमिकता ना देते हुए जमकर लापरवाही की थी। जिम्मेदार अफसर अब फिर वही गलती दोबारा दोहरा रहे हैं जिसका खामियाजा नन्हे बच्चों को भुगतना पड़ा है लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं है।

वही इस पूरे मामले पर परियोजना समन्वयक बी के नेमा रायसेन का कहना है कि साइकिलो का पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो गया है और अभी भोपाल से साइकिलें नही आई है। रायसेन जिले में करीब 7, तहसीलों में 6वीं कक्षा की 6300 लगभग साईकिलों का वितरण होना है जैसे ही साइकिलें भोपाल से आएंगी तो उन्हें सभी विकासखंडों पर भेज दिया जाऐगा। जिला
रायसेन जिले में करीब 9वीं कक्षा की 9000 छात्रों को साइकिलों का वितरण किया जाना है। भोपाल से साईकिलें आने के बाद सभी विकासखंडों में साइकिलों का वितरण किया जाएगा।