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जबलपुर शहर से निकलने वाला कचरा ननि को बनाएगा मालामाल

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Mar 22, 2018

अब कचरा बेकार नही बल्कि बेहद बेशकीमती हो गया है ये हम नहीं कहते बल्कि खुद नगर निगम जबलपुर के आला अधिकारी अपनी जु़बानी कह रहे है। अब तक तो शहर में कचरे से बिजली बनती थी लेकिन अब इसका इस्तेमाल नगर निगम कम्पोस्ट में भी करने लगा है। उससे भी ज्यादा दिलचस्प बात ये है कि निगम के लिए अब पाई पाई कचरा उसकी ज़रूरत बन गया है और वह ढ़ूंढ ढूंढ कर प्लांटस में सहेज रहा है।

वो समय अब गया जब कचरा बेकार चीज़ो की श्रेणी मे आता था बल्कि अब तो उसे बेशकीमती कहा जाने लगा है। जी हां बात शायद गले से न उतर रही हो लेकिन जबलपुर में तो कुछ ऐसा ही चल रहा है। रोजाना शहर से निकलने वाले 450 से 500 मिट्रिक टन कचरा भी निगम के लिए कम है। न केवल इस कचरे से बिजली बन रही है बल्कि अब उसका इस्तेमाल कम्पोस्ट बनाने मे हो रहा है आपके घरों से निकलने वाला बायोडीग्रेडेबल कचरा यानी ऐसा कचरा जो वातावरण को नुकसान न पहुंचाए जैसे कि खाने पीने की सब्जियाॅ, फल छिलके आदि अब नगर निगम घर—घर से उठा रहा है। 

वहीं नर्मदा तटो में फैलने वाली फूल मालाओ की गंदगी को भी निगम रोज़ाना सहेजकर अपने पास इन कम्पोस्ट प्लांटस में लाकर खाद बना रहा है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए बेहद सस्ती दरों मे नगर निगम अब इस कम्पोस्ट को आम शहरवासियों को उपलब्ध कराएगा। यह कहने में कोई दौराय नही होगी कि नगर निगम के लिए कचरा आय का साधन बन गया है। कचरे से बिजली बनाने का प्लांट पहले से ही शहर में संचालित है वही अब निगम ने दो प्लांट लगाए है जिनसे कंपोस्ट तैयार किया जाएगा। नगर निगम अब तैयारी कर रहा है कि वह शहर की हर बड़ी सब्जी मंडी के आस पास प्लांट को लगाए ताकि कम्पोस्ट शहरवासियो और किसानो के काम आए और गंदगी भी न फैले।