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पर्यावरण को सुरक्षित रखने के ​लिए नगर निगम ने की अनूठी पहल!

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Feb 20, 2018

ग्वालियर नगर निगम ने शहर के शमशान घाट पर पर्यावरण ​को प्रदूषित होने से बचाने ​के लिए एक नई पहल शुरू की है। जिसके अंर्तगत गोबर से बनी लकड़ी व कंडों से कम लागत में शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा लेकिन वहीं विरोधी पार्टियां इस पहल को नगर निगम की मनमानी साबित करने में लगे हुए है। 

गौरतलब है कि शवों के दाह संस्कार में लकड़ी की जरूरत पड़ती है और लकड़ियों के लिए पेड़ों को काटना पड़ता है ऐसे में पेड़ों की कमी से पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है इस दिशा में नगर निगम ने पेड़ों को बचाने के लिए एक अनोखा प्रयास शुरू किया है, जिसके तहत नगर निगम द्वारा संचालित शहर में स्थित प्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला से निकलने वाले हजारों गायों के गोबर से एक निजी एनजीओ को गोबर से लकड़ी नुमा ब्लॉक व कंडे बनाने का काम सौंपा गया है। गोबर से बने इन ब्लॉक्स व कंडो की मदद से शमशान घाट पर आने वाले समय का अंतिम संस्कार किया जा रहा है नगर निगम इसके लिए आने वाले लोगों से 1 हजार रुपए जमा करा रहा है। नगर निगम का कहना है, कि पर्यावरण की सुरक्षा और देसी गाय के गोबर से बने कंडो से दाह संस्कार में शुद्धता रहती है वहीं यह कम खर्चीला साबित होता है।

बता दें कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लोग इस पहल को मनमानी बता रहें हैं। दोनों पार्टियों ने नगर निगम पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जो लोग शवों का दाह संस्कार लकड़ियों से कर रहे हैं। उनसे भी 1 हजार की राशि स्वच्छता के नाम पर वसूली जा रही है। लेकिन नगर निगम ने यह आरोप सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि बिना लकड़ी के शवों का अंतिम संस्कार करवाना, नगर निगम की पर्यावरण सुरक्षा और पेड़ों को बचाने की दिशा में वाकई प्रशंसनीय पहल है। खास बात यह है, कि दाह संस्कार में लगने वाली लकड़ी की कीमत तकरीबन 2 हजार रुपए तक होती है, जबकि गोबर से बनी लकड़ी और कंडो से दाह संस्कार लगभग आधे पैसे में हो जाता है।