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उज्जैनः पैरों से चलने में असमर्थ होने के बावजूद सड़कों पर भीख मांगती दिखी अपाहिज बच्ची

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Dec 24, 2019

अनिल बैरागी - आज हम बताने जा रहे हैं एक मासूम कोमल निर्दोष बच्ची पर अत्याचार की दास्तान या यूं कहें कि मजबूरी की वजह। उज्जैन के महिदपुर की एक ऐसी तस्वीर जिसमें सबका दिल का झकझोर कर रख दिया। जी हां, हम उस नौनिहाल की बात कर रहे हैं जो महज 6 वर्ष की है, लेकिन इससे भी दुखभरी बात यह है कि बच्ची अपाहिज यानी दोनों पैरों से चलने में असमर्थ होने के बावजूद सड़कों पर भीख मांगते, अपनी दास्तां बयां करती दिखाई दे रही थी। हालांकि तस्वीरों को देख लगता है कि यह मासूम पर अत्याचार या और कहीं का दबाव है जिसके चलते बच्ची इस भारत देश में तमाम सरकारी सुविधाओं से बावजूद अछूती रही। इस तरह रहने को क्यों है मासूम।

मिडिया की नजर पड़ते ही पुलिस अधिकारी हुये सतर्क

जब सामाजिक सहकारिता रखने वाले स्वराज एक्सप्रेस कैमरे की नजर इस बच्ची पर पड़ी तो मानो पूरा प्रशासन उठ खड़ा हुआ। ताबड़तोड़ पुलिस विभाग, थाना प्रभारी संजय वर्मा हरकत में आये। महिला अफसर कुसुम सुमन के साथ वूमंस पुलिस अधिकारी को भेज बच्ची को प्यार और मासूमियत के साथ अपने साथ गाड़ी में बिठा कर थाने ले गए। जहां बच्ची को कपड़े, बिस्किट और ना जाने कितनी सुविधाओं के साथ भरोसे में लेते हुए पूछा कि कौन है वह बच्ची, कहां से आई है और कौन करा रहा है ऐसा काम?

तीन पहिये साइकिल के लिए कर रही बच्ची ऐसा काम

दरअसल, बच्ची का नाम कुकू है जो चलने में बिल्कुल असमर्थ है और दुख की बात तो यह है कि बच्ची के पिता भी अब इस दुनिया में नहीं रहे। मां है जो तमाम जगह से कचरा इकट्ठा कर अपना और बच्चों का पेट पालती है लेकिन हैरत की बात यह है कि बच्ची से जब पूछा गया तो बड़ी मासूमियत से उसने कहा कि मुझे कपड़े लेने हैं नए और एक तीन पहिए की साइकिल भी लेना है, जिससे मैं चला सकूं। जाहिर सी बात है कि जब बच्ची बगैर पैरों के सड़कों पर घिसटती हुई चलती है तो कितना अधिक दर्द होता है, यह उस बच्ची के मासूम चेहरे से अंदाजा लगाया जा सकता है।

बच्ची को तमाम सुविधाएं दे कर उसको सही जगह पहुंचा पुलिस ने

मौके पर पहुंची पुलिस के महिला अफसरों ने बच्ची से बात की तो पुलिस अफसर भी भावुक हो उठे और बच्ची को तमाम सुविधाएं देने के साथ उसको उसकी अपनी सही जगह पहुंचाया। बच्ची की मां और ग्रामीणों को हिदायत दी कि इस तरह से बच्ची को अकेला ना छोड़े, जिससे देश में बढ़ती युवा शक्ति नारी के मनोबल कम हो क्योंकि ऐसे ही बच्चे होते हैं जो हो भले ही चलने में असमर्थ हो, लेकिन इतिहास गवाह है कि आज भी देश के नामचीन पदों में कोई कलेक्टर तो कोई एस पी बनकर देश की शान बढ़ा रहे है। वहीं पूरी घटना को सामने लाने पर स्वराज एक्सप्रेस को धन्यवाद देते हुए प्रशासनिक तौर पर पुलिस और बड़े अधिकारी ने कहा कि मीडिया ही एक ऐसा आईना है जो आज भी देश की तमाम विसंगति और नकारात्मक तस्वीरों को सामने लाकर देश की तरक्की को बढ़ाने में मजबूत जिम्मेवारी निभा रहा है।