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हालातों से निपटने म.प्र. पुलिस का नया प्रयोग, सोशल पुलीसिंग की हुई शुरूआत

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Apr 11, 2018

देश के साथ मध्यप्रदेश में अचानक बदले माहौल के बीच जहाँ हर दिन नई नई जानकारियां सामने आ रही है वहीं अब सूबे के हालातों पर काबू पाने के लिए सरकार प्रशासन और पुलिस भी प्रयोगों के दौर में है इस बीच एम पी पुलिस का एक नया प्रयोग सामने आया है और पुलिस ने दमोह से इसकी शुरुआत की है।

बिगड़ती कानून व्यवस्था और दो अप्रैल के बाद बदले माहौल को लेकर जहाँ सरकार चिंतित है वहीं जमीनी तौर पर इन हालातों को नियंत्रण में करने के लिए सबसे ज्यादा जद्दोजहद पुलिस को करनी पड़ रही है ऐसे में जबकि प्रदेश में पुलिस की संख्या बल भी कम है तब हालातों पर नकेल कसने अब पुलिस एक बार फिर पब्लिक के सहारे है।

दमोह से हुई सोशल पुलीसिंग की शुरूआत
एम पी पुलिस ने दमोह जिले से प्रयोग शुरू करते हुए पब्लिक या सोशल पुलिसिंग की शुरुआत की है इस नई स्कीम के तहत पुलिस ने एस पी ओ यानी स्पेशल पुलिस आॅफिसर नियुक्त किये है ये एस पी ओ पब्लिक के बीच के रिटायर्ड अधिकारी कर्मचारी है। एन सी सी केडेट्स कॉलेज के छात्र छात्राएं और जागरूक नागरिक है जिन्हें स्पेशल पुलिस अधिकारी का दर्जा खास दिया गया है और अब पुलिस इनकी मदद से समाज में शान्ति बनाने का काम कर रही है दस तारीख को जिले के हटा से इसकी शुरुआत हुई है।

कई लोगों ने निकाला फ्लेग मार्च
पुलिस विभाग द्वारा दिए गए एस पी ओ के दर्जे को हासिल करने के बाद तमाम लोगों ने शहर में फ्लेग मार्च किया और फिर बाकायदा पुलिस वालों की तरह चौराहों पर ड्यूटी भी निभाई इस नए पद को पाकर युवा और महिलायें ज्यादा खुश नजर आ रही है।

प्रलिस विभाग का ये प्रयोग नहीं रहा सीमित
पुलिस थाने में एक साथ बड़ी तादात में जमा हुए एस पी ओ को देखकर हालातों को लेकर चिंतित पुलिस अफसरों के चेहरों में संतुष्टि के भाव साफ़ देखे जा सकते थे लिहाजा जब दिन भर की गतिविधियां सामने आई तो अफसर कहते है की ये प्रयोग सफल रहा। पुलिस विभाग के इस प्रयोग को सिर्फ अभी तक सीमित नहीं रखा गया बल्कि विभाग ने आने वाले दिनों में भी चिन्हित किये गए लोगों को एस पी ओ का दर्जा देकर उनकी मदद लेने के साथ समाज में समरसता शान्ति और अमन कायम रखने की योजना बनाई है।

पब्ल्कि पुलीसिंग का ये प्रयोग पहली बार नहीं
हालांकि पब्ल्कि पुलीसिंग का ये प्रयोग पहली बार नहीं हो रहा है बल्कि इसके पहले भी नगर रक्षा समिति और ग्राम रक्षा समिति जैसे प्रयोग सूबे में हो चुके है लेकिन इस बार एस पी ओ सिस्टम इसलिए भी ख़ास है की इसमें संभ्रांत घरों की महिलाओं कॉलेज की लड़कियों और नौजवानो ने भागीदारी की है जिससे साफ़ है की समाज का अच्छा तबका अब पुलिस से प्रभावित है और इससे उम्मीद है की हालातों पर काबू पाने में सरकार और पुलिस को लाभ मिलेगा।