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हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने कॉलोनाइजरों पर एफआईआर दर्ज करने के दिए निर्देश

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Sep 29, 2018

गिर्राज बौहरे : भिंड जिले में अवैध रूप से खेतों में प्लॉट बनाकर बेचने वाले कॉलोनाइजरों के खिलाफ याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने ऐसे कॉलोनाइजरों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं, जिन्होंने नगरपालिका और ग्राम पंचायतों को बिना डायवर्सन शुल्क चुकाये अवैध तरीके से खेतों में प्लॉट बेच दिए। हाई कोर्ट ने 6 साल पहले दिए गए आदेश का पालन ना होने पर अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए कलेक्टर को यह आदेश दिए। 

दरअसल भिंड जिले में बड़ी संख्या में भूमि मालिकों ने अवैध रूप बिना नगरपालिका या ग्राम पंचायत की अनुमति लिए, बिना डायवर्सन शुल्क चुकाए ही खेतों में प्लॉट बना कर बेच दिये। ऐसे कॉलोनाइजरों ने शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाते हुए बड़ी संख्या में प्लॉट बेचे जिनपर मकान भी बन गये। ऐसे कॉलोनाइजरों के खिलाफ एक व्यक्ति ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाकर इसके खिलाफ कार्यवाही की मांग की। हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 2012 में कलेक्टर को ऐसे सभी भूमि स्वामियों पर एफआईआर करने के आदेश दिए थे जिन्होंने अवैध रूप से कॉलोनियां बनाई। लेकिन जिला प्रशासन ने हाइकोर्ट के आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसके बाद एक बार फिर से याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में कोर्ट की अवमानना का मुद्दा उठाया। 

कोर्ट ने इस बार कलेक्टर को सीधे प्रस्तुत होने के लिए आदेश दिया। जिसके बाद दो रोज पहले कोर्ट ने  72 घंटे का वक्त अवैध कॉलोनाइजरों पर कार्यवाही के लिए दिया और हिदायत दी कि यदि कार्यवाही नहीं होती है तो आप को जेल में डाल दिया जाएगा। जिसके बाद आनन-फानन में आज जिले के 5 थानों में छह मामलों में पांच सौ से अधिक कॉलोनाइजरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जिन लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई है उनमें जिले के इनामी लोग शामिल हुए जिनमें से भाजपा कांग्रेस के नेता समाजसेवी आदि शामिल हैं। इनमें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबी रिश्तेदार व्यापम में आरोपी रहे गुलाब सिंह किरार का नाम भी शामिल है।