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बैकवाटर से सटे क्षेत्र में अवैध कटाई जोरों पर, वन माफिया बेखौफ

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May 23, 2018

इन दिनों हरदा के जंगल में अंजन के पेड़ों को आरी व कुल्हाड़ी चलाकर निशाना बनाया जा रहा।वहीं वन अमला चैन की नींद सो रहा है। बता दें वन माफिया बेखोफ होकर जंगल काटकर खेत बना कर खेती कर रहे हैं। वही ईंट भट्ठों में जंगल से काटी लकड़िया जलाई जा रही है। 

हरदा जिले में इंदिरा सागर बांध के बैक वाटर से सटे जंगल में लंबे समय से हरे पेड़ों की अवैध कटाई जोरों पर है। दो जिलों के तीन परिक्षेत्र (रेंज) के इस जंगल में सागौन के बाद अब अंजन के बड़े पेड़ों पर आरी चलाकर धराशायी किया जा रहा है। अन्य प्रजाति के पेड़ों पर भी आरी और कुल्हाड़ी चलाई जा रही है। खास बात यह है कि शासन-प्रशासन को इसकी शिकायत करने के सालों बाद भी यह गोरखधंधा रुक नहीं रहा। जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर नवरंगपुरा, डोमरी कला, करनपुरा गांव के आसपास के जंगल में वन माफिया द्वारा बेखौफ लकड़ी काटी जा रही है।

पेडों की बेरोकटोक कटाई
जिले की हंडिया रेंज और खंडवा जिले के बलड़ी रेंज के आपस में सटे जंगल का भ्रमण किया तो पाया कि अंजन सहित अन्य प्रजाति के पेड़ों को बरोकटोक काटा जा रहा है। कई स्थानों पर तो मोटाई वाले पेड़ों पर आरी चलाने के ताजा निशान तक पाए गए।  हरदा जिले की सीमा से सटे खंडवा जिले की सीमा में आने वाली बलड़ी रेंज में तो मानो अवैध कटाई की बाढ़ ही आ गई हो। जिधर नजर घुमाओ उधर छोटे-बड़े पेड़ों की कटाई के निशान नजर आते हैं। वहीं हंडिया और मकड़ाई रेंज का जंगल भी इससे अछूता नहीं है। लंबे समय से हो रही कटाई, वन अमला अनजान बन रहा ।जिले के ग्राम डोमरीकला निवासी रामजीवन विश्नोई, प्रवीण सारन, संदीप विश्नोई, राजेश विश्नोई, परमानंद विश्नोई, वीरेंद्र झूरिया आदि ने बताया कि वन माफिया यहां लंबे समय से लकड़ी की कटाई कर रहा है। वन अमले को खबर होने के बावजूद अनदेखी की जा रही है। 

अवैध रूप से कर रहे खेती
बता दें कि वन माफिया नदी किनारे पेड़ काटकर खेत बना रहे है। माचक नदी के बेक वाटर किनारों पर पेड़ काटकर बढ़ाया जा रहा अवैध रूप से खेती करने का दायरा। ग्रामीणों के मुताबिक माचक नदी से सटे जंगल में पेड़ों की कटाई के बाद खेत तैयार किए जाते हैं। यहां अवैध रूप से खेती भी की जाती है। ग्रामीणों की मानें तो उपज का एक हिस्सा उस क्षेत्र के वनकर्मी को भी दिया जाता है।
 
कीमती लकड़ी फूंकी जा रही ईंट भट्टों में 
जहाँ एक और सरकार करोड़ो रूपये फूंक कर पौधरोपण कर रही है वही दूसरी ओर यहा बिना किसी रोक टोक के जंगल की कीमती लकड़ी ईंट भट्टों में फूंकी जा रही है। डोमरी कला निवासी रामजीवन विश्नोई के मुताबिक हंडिया रेंज के करनपुरा तथा इसके आसपास बांध के बैकवाटर में कई स्थानों पर ईंट भट्टे लगे हैं। लोग यहीं से मिट्टी खोदते हैं इस ओर कार्यवाही नहीं किए जाने से राजस्व और वन विभाग के अमले की मिली भगत से इंकार नहीं किया जा सकता।