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अवैध पत्थर की खदानें, जिस के कारण हो रही टीबी व सिलिकोसिस से लोगों की मौत

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May 12, 2018

शिवपुरी जिले के मझेरा में चल रही अवैध खदान को लेकर यहां पर टीबी व सिलिकोसिस से आदिवासियों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने शिवपुरी कलेक्टर व प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है कटक लॉ कॉलेज के छात्र अभय जैन की शिकायत पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दिल्ली ने यहां सहरिया आदिवासियों की मौत के मामले को गंभीर मानते हुए नोटिस पर स्टेटस रिपोर्ट चार सप्ताह में तलब की है। 

छात्र अभय जैन ने बताया कि मझेरा में अवैध रूप से वन क्षेत्र में पत्थर की खदानें चल रही हैं इस प्रतिबंधित क्षेत्र में खदान कर रहे अवैध माफियाओं के यहां पर काम करने वाले सहरिया आदिवासी वर्ग के लोगों की मौत टीबी व सिलिकोसिस से हो रही है छात्र ने दावा किया है कि पिछले दिनों उन्होंने यहां पर अपनी टीम के साथ जब दौरा किया तो आदिवासी फटेहाल मिले और उनकी स्थिति बहुत खराब है 25 मार्च को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को उन्होंने यह शिकायत भेजी थी जिसे आयोग ने संज्ञान लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव व शिवपुरी कलेक्टर तरूण राठी को 7 मई को यह नोटिस जारी किया है। 

छात्र अभय जैन ने अपनी शिकायत में बताया है कि मझेरा में पिछले कुछ सालों में टीबी व सिलिकोसिस से 92 सहरिया आदिवासियों की मौतें हुई हैं अभय जैन ने अपनी टीम के साथ इसके प्रमाण सहरिया आदिवासी परिवारों के द्वारा दिए गए दस्तावेज के आधार पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को दिए हैं इसके अलावा वर्ष 2005 में यहां आई डॉ मीहिर शाह सुप्रीम कोर्ट की कमीशन एडवाईजर कमेटी ने जब यहां का दौरा किया था तो उन्होंने भी अपनी रिपोर्ट में यहां पर टीबी व सिलिकोसिस से हो रही मौतों को लेकर तत्कालीन कलेक्टर एम गीता से आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे लेकिन प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाए अभय ने बताया कि मरने वालों में अधिकांश पुरूष हैं जो पत्थर खदानों में दिन-रात काम करने पर टीबी व सिलिकोसिस की चपेट में आकर असमय मौत का शिकार हो गए। 

वही जब इस बीमारी के बारे हमने डॉक्टर से बात की उन्होंने बताया कि सिलिकोसिस बीमारी पत्थरों के कण जो स्वास के माध्यम फेफड़ों चले जाने से ये बीमारी होती है।