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छिंदवाड़ाः सुनहरी रेत के अवैध कारोबारियों पर पुलिस की अब टेढ़ी नजर

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Mar 30, 2019

राकेश प्रजापति- इस आदिवासी अंचल में बेखौफ चल रहे सुनहरी रेत के अवैध कारोबार पर पर अब पुलिस ने अपनी नजरें टेढ़ी कर ली है। जिसका उदाहरण बीती रात को देखने को मिला कि जब क्षेत्र का एक भाजपा कार्यकर्ता का ट्रक को स्थानीय पुलिस ने बड़ी कवायद करने के बाद आखिरकार अपनी गिरफ्त में ले लिया। अवैध रेत से भरे इस ट्रक को छुड़ाने के लिए इस भाजपा कार्यकर्ता सगीर ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन जुन्नारदेव पुलिस के आगे उसकी एक भी ना चल पाई। अब मामला पुलिस ने अग्रिम कार्रवाई हेतु खनिज विभाग को सौंप दिया है।

सुनहरी रेत का अवैध परिवहन करते भाजपा कार्यकर्ता का ट्रक धराया

मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात को क्षेत्र के कुख्यात रेत चोर के द्वारा खैरवानी-बाकोड़ी के नदी तट से अपने ट्रक में रेत भरकर दमुआ-नीमढाना के रास्ते उमरेठ होते हुए छिंदवाड़ा की तरफ रेत का परिवहन किया जा रहा था। अवैध रेत परिवहन की जानकारी मुखबिर से मिलने के बाद जुन्नारदेव पुलिस ने सजग होते हुए बुधवार तड़के लगभग  प्रातः 3 बज़े लामबंदी तेज कर दी और कोलिया घाट के पास ट्रक को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन ट्रक चालक के द्वारा पुलिस को देख अपने ट्रक को अंधाधुंध गति प्रदान करते हुए पुलिस को चकमा देने के लिए दौड़ाया गया। पुलिस ने भी उसका पीछा करते हुए खापास्वामी के नजदीक रेलवे क्रॉसिंग पर उसे दबोच लिया गया। ट्रक को पकड़ने के बाद पुलिस के द्वारा चालक से रेत परिवहन से जुड़े कागजात की मांग किए जाने पर तत्काल प्रस्तुत करने में असमर्थ रहा। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए भाजपा कार्यकर्ता और क्षेत्र का नामी बदमाश सगीर खान का ट्रक क्रमांक एमपी 28 जी 3919 को थाने में कार्रवाई हेतु ला खड़ा कर दिया।

जुन्नारदेव पुलिस को मिली बड़ी सफलता

गौरतलब है कि इस ट्रक में भरी रेत की रॉयल्टी को लेकर पुलिस की पड़ताल में यह सामने आया है कि कथित रूप से  अन्यत्र दूरस्थ स्थान की रायल्टी को  फर्जी तरीके से अर्जित कर पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। इसके बाद पुलिस के द्वारा मामले को छिंदवाड़ा जिला स्थित खनिज विभाग को अग्रिम कार्रवाई हेतु मामला सौंप दिया गया है। इस आदिवासी अंचल में फिलहाल किसी भी रेत खदान कि शासन के द्वारा अधिकृत नीलामी ना किए जाने के कारण अवैध रेत का कारोबार में जबरदस्त उछाल आया है जिसका फायदा स्थानीय रेतचोर जमकर उठा रहे हैं। इसीलिए स्थानीय राजस्व और पुलिस प्रशासन से रेत चोरी के इस बड़े सिंडिकेट पर रोक लगाने की जनापेक्षा है।