Loading...
अभी-अभी:

राजगढ़ः रामपुरिया वेयर हाउस में रखे गेंहू में लगी कीट, जिम्मेदार कौन

image

Mar 29, 2019

राजेन्द्र शर्मा- जिले के रामपुरिया वेयर हाउस में वेयर हाउस में रख-रखाव में लापरवाही के कारण गेंहू में किट लग गई जिससे गेहूँ खराब होने का मामला सामने आया है। वेयर हाउस प्रभारी व संचालक की लापरवाही के चलते गेंहू में पाई लग जाने से गेंहू में कीट देखने को मिली है। ऐसा मामला राजगढ़ के सन्डावता के रामपुरिया वेयर हाउस में की दो स्टे की करीब 2500 गेंहू की बोरियों में पाई लग गई और गेंहू के अनाजों में कीट लगने से गेहूं की क्वालिटी में अंतर आ रहा है।

सही से रख-रखाव व पर्याप्त मात्रा में दवाइयों का स्प्रे नहीं हुआ

खराब होने का कारण सही से रख-रखाव व पर्याप्त मात्रा में दवाइयों का स्प्रे नहीं करना है। वेयर हाउस के प्रभारी, कर्मचारी व वेयर हाउस संचालक की लापरवाही साफ रूप से नज़र आ रही है। जबकि वेयर हाउस में रखे अनाज की जिम्मेदारी दोनों की होती है, मगर वेयर हाउस प्रभारी  अपनी लापरवाही छुपाने के लिये रामपुरिया वेयर हाउस में रखे अनाज को वेयर हाउस संचालक द्वारा बाहर निकलवा कर अनाजों की साफ, छनाई, कर मामले को दबाने में लगे हुए हॆ।  खराब माल को सही करने में अतिरिक्त खर्च बैठ रहा है। वेयर हाउस संचालक की माने तो उनका कहना है कि ये सब लापरवाही वेयर हाउस प्रभारी की है, जिन्होंने दवाइयों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया। अनाजों में उनके द्वारा कहे अनुसार स्प्रे कर सुरक्षित रखा जा सकता था। अब इसमें पाई, कीट कैसे लगी ये तो प्रभारी ही जाने।

वेयर हाउस प्रभारी ने लापरवाही का ठीकरा रामपुरिया वेयर हाउस के संचालक के ऊपर थोपा

इस मामले में जिम्मेदार वेयर हाउस प्रभारी ने लापरवाही का ठीकरा रामपुरिया वेयर हाउस के संचालक के ऊपर थोप दिया है। इस मामले की लापरवाही सामने आने के बाद दोनों एक-दूसरे पर आरोप लग रहे हैं। जबकि रामपुरिया वेयर हाउस में  रखे अनाजों की जिम्मेदारी दोनों की है। जब भी इस प्रकार रखे अनाजों को सुरक्षित करने के लिए स्प्रे किया जाता है तो दोनों की सहमति के बाद ताला खोलकर निगरानी में किये जाता है। अब इस में जो भी नुकसान होगा वेयर हाउस संचालक को वहन करने की बात सामने आ रही है। इन खराब क्वालिटी व कीट लगे गेंहू का उपयोग किस तरह करेंगे ये जांच का विषय है। इस तरह के जब भी मामला सामने आता है तो वरिष्ठ अधिकारी जांच कर कार्यवाही की बात कहते है मगर जांच कागजों तक ही सीमित रह जाती है।