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इंदौर: नगर निगम ​को नहीं दिख रहे अवैध अस्पताल, बिना रोक टोक के संचालित

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Apr 21, 2018

शहर भर में सङक के नाम पर लोगों के मकान तोड़ रही नगर निगम को इंदौर के अवैध अस्पताल दिखाई नहीं दे रहे हैं। अस्पताल के नाम पर अवैध निर्माण कर इसका संचालक नगर निगम को पीठ दिखा रहे हैं। बता दें ऐसा ही इंदौर का एक निजी अस्पताल अपनी गलतियों के बावजूद भी बिना किसी रोक –टोक के संचालित हो रहा हैं। वहीं इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने भी इस अस्पताल की सुध नहीं ली। 

आईसीयू नहीं बना नियम के मुताबिक 
इंदौर के जंजीरवाला चौराहा स्थित क्योरवेल हॉस्पिटल नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार की जीती–जागती निशानी हैं। तय नक्शे से कहीं अधिक बने इस अस्पताल में नियमों को पूरी तरह ताक में रख दिया गया हैं। ओपन स्पेश पर भी कब्जा कर लिया गया है यहां तक की आईसीयू भी नियम के मुताबिक नही बनाया गया हैं। इस अस्पताल को बनाने के लिए सबसे पहले चार प्लॉटों का गलत ढंग से संयुक्तिकरण किया गया हैं। चार अलग–अलग प्लाटों को जोङ कर ये अस्पताल बनाया गया हैं और तो और इस अस्पताल से केवल 10 प्रतिशत संपत्तिकर नगर निगम वसूल रहा हैं।

7662 वर्गफीट खाली जगह पर किया कब्जा
7662 वर्गफीट खाली जगह को भी कब्जा कर उस पर लगभग 6 हजार वर्गफीट की बिलडिंग बना दी गई हैं। नगर निगम ने यहां केवल 10 हजार 215 वर्गफीट का निर्माण करने की अनुमति दी थी लेकिन इसके कर्ता धर्ताओं ने यहां 20 हजार वर्गफीट से ज्यादा का निर्माण कर लिया हैं। और तो और यहां की कार पार्किंग तक को अस्पताल के संचालक हङप गए। पार्किग की जगह भी जनरल वार्ड बना दिया गया अस्पताल के फ्रंट एमओएस में लॉबी बना दी गई। इतना होने के बाद भी नगर निगम अधिकारियों ने अपने कतिथ हितों के चलते आज तक इस अस्पताल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। 

अस्पताल प्रबंधन खेल रहा मरीजों की जान से
अस्पताल संचालक अभय, दिलीप और विमन सुराना अधिकारियों से इसी साठ गांठ के चलते मरीजों की जान से खेल रहे हैं। जो आईसीयू खुला व इंट्री गेट के नजदीक होना चाहिए वो गेट से तकरीबन 80 फीट दूर भूल भूलैया में हैं जहां तक पहुंचते पहुंचते मरीज की जान पर बन आए। जब स्वराज एक्सप्रेस ने अस्पताल के संचालकों से इस मुद्दे पर बात की तो कोई भी बात करने को तैयार नहीं हुआ

जनरल वार्ड में फटा था आॅक्सीजन सिलेंडर
यह क्योरवेल हॉस्पीटल हमेशा विवादों में रहा हैं कुछ समय पहले ही जनरल वार्ड में ऑक्सीजन का सिलेंडर फटने से बङा हादसा हुआ था जिसके बाद जिला प्रशासन ने इस अस्पताल को बंद करा दिया था जिसके बाद एक बार फिर इस अस्पताल की कारगुजारियां सामने आई हैं लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी कार्यवाही के बाद अब भी जांच की बात कह रहे हैं।