Loading...
अभी-अभी:

इटारसी जंक्शन घिरा आग की लपटों से, प्लेटफार्म हुआ खाक

image

May 9, 2018

मंगलवार को देश के बड़े रेल इटारसी पर दोपहर 3:50 मिनट पर प्लेटफार्म स्थित भोजनालय के रसोई घर से भड़की आग ने आधे प्लेटफार्म को खाक कर दिया। आग की भीषण लपटें और धुएं के गुबार उठते ही पूरे शहर और प्रशासन में हड़कंप मच गया। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बमुश्किल आग पर काबू पाया जा सका। प्राथमिक जांच में आगजनी से रेलवे को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। आग की खबर रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय तक पहुंचने से अफसरों में हड़कंप मच गया। देर शाम डीआरएम शोभन चौधरी एवं अन्य अफसर घटनास्थल पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया। प्राथमिक जांच में आग के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। संभवत: शार्ट सर्किट या किचन की आग से हादसा होने की आशंका जताई जा रही है। 

कैसे भड़की आग: 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शाम करीब पौने चार बजे भोजनालय के रसोईघर में अचानक आग भड़की। यहां खड़े रेलकर्मियों एवं वेंडरों ने फायर फाइटर से आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन चंद मिनटों में आग ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। तत्काल रसोईघर में रखे दर्जन भर से ज्यादा गैस सिलेंडरों को बाहर फेंका गया, जिससे ब्लास्ट न हो। भागदौड़ में कुछ कर्मचारी मामूली रूप से आग में झुलस गए। अग्निकांड की खबर लगते ही तत्काल ओएचई एवं प्लेटफार्म की सप्लाई बंद कराई गई। 

आग की लपटें शेड से होते हुए फुट ओव्हर ब्रिज तक पहुंच गईं। इस वक्त इसी प्लेटफार्म पर डीजल टैंकर की ट्रेन खड़ी थी, जिसे तत्काल यहां से रवाना कर दिया गया, इसके बाद प्लेटफार्म दो पर खड़ी कुशीनगर एक्स. एवं अन्य ट्रेनों को तत्काल मौके पर रोक दिया गया। आग फैलते ही स्टेशन के अंदर और बाहर लोगों  की भीड़ जमा हो गई। आग देखने पहुंचे यात्रियों में भी भगदड़ मच गई। एहतियात के तौर पर स्टेशन तिराहे एवं ब्रिज पर बेरीकेट्स लगाकर एंट्री बंद कर दी गई। 

ट्रेक पर गई जेसीबी ताेडी गई इमारत:

काफी मशक्कत के बाद जब आग बेकाबू हुई, तो नपा और पुलिस अफसरों ने जीआरपी के सामने लगी रैलिंग ताेडकर थू्र वेटिंग लाइन पर जेसीबी और फायर बिग्रेड पहुंचाई। जेसीबी से इमारत की पिछली दीवार ताेडने का काम शुरू हुआ, जिससे पानी अंदर पहुंचाया जा सके। दरअसल प्रभावित हिस्से में सीधे पानी नहीं जा रहा था, शाम 6 बजे तक कई जगह इमारत तोड़कर अंदर पानी फेंका गया। 

1902 में बनी थी इमारत: 
जानकारों के मुताबिक प्लेटफार्म एक की इमारत साल 1902 में बनी थी। उस दौरान अंग्रेजी हुकूमत का दौर था। इसके बाद कई बार इमारत की सूरत बदलती रही, लेकिन इन्फास्ट्रक्चर पुराना ही रहा। 

आरआरआई की यादें ताजा: 
इस भीषण अग्निकांड 17 जून 2015 को यहां हुए रेलवे रूट इंटरलॉकिंग सिस्टम में हुई आगजनी की यादें ताजा कर दी हैं, जिसे रेलवे ने राष्ट्रीय आपदा घोषित किया था। इस घटना को पूरे दो साल 10 माह हो चुके हैं। 

यह हुआ नुकसान: 
आगजनी में पूरा रसोईघर, डिप्टी एसएस कामर्शियल, ऑपरेटिंग ऑफिस, वातानुकूलित यात्री प्रतिक्षालय, शयनयान प्रतिक्षालय, बुक स्टॉल में भारी नुकसान हुआ।  

दमकलों ने दिया सहारा: 
आग की लपटें बिफरते ही सबसे पहले यहां तैनात वेंडरों, सफाईकर्मियों, और रेलकर्मियों ने वाटरिंग लाइन से एक दर्जन पाइंट लगाकर अंदर पानी का प्रेशर पहुंचाया, लेकिन आग काबू में नहीं आई। इसके बाद नपा के दो टैंकरों को प्लेटफार्म सात से प्लेटफार्म एक पर भेजा गया। आगजनी की सूचना पर एएसपी शशांक गर्ग, एसडीएम आर.एस. बघेल, एसडीओपी अनिल शर्मा, टीआई विक्रम रजक, जीआरपी टीआई बीएस चौहान समेत सारे आला-अफसर मौके पर पहुंच गए। प्रशासन की सूचना पर एसपीएम, सीपीई, आर्डनेंस फेक्ट्री, बाबई नगर पंचायत, नेशनल एकेडमी फायर सेफ्टी की 20 से ज्यादा दमकलों ने आग पर काबू पाने में मदद की। 

जान पर खेलकर बुझाई आग: 
जब आग पूरे शबाब पर आ गई, तो पूरे टीनशेड आग में दहक उठे। इमारत में सागौन होने की वजह से आग चंद मिनटों में पूरे शेड में फैल गई। आग की लपटों में गर्म शेड पर कई वेंडरों, रेलकर्मियों एवं दमकल कर्मियों ने जान हथेली पर रखकर दो घंटे तक ऊपर से पानी डालना जारी रखा। ऐसे विपरीत हालात में ऑटो चालक रिखीराम, आरपीएफ जवान लालू यादव, रेलकर्मी तरूण शुक्ला समेत दर्जनों युवाओं ने जान की बाजी लगाकर राहत-बचाव में अहम रोल निभाया। 

5:44 पर गई कुशीनगर एक्सप्रेस: 
हादसे की वजह से रोकी गई कुशीनगर एक्स. को 5:44 मिनट पर यहां से रवाना किया गया। करीब डेढ घंटे ट्रेन यहां खड़ी रही, इसमें सवार सारे यात्री घटनास्थल पर पहुंच गए थे। करीब आधा दर्जन ट्रेनों को हादसे के कारण नागपुर, जबलपुर एवं भुसावल आउटर पर रोका गया। 

प्लेटफार्म पर बढ़ी घुटन: 
आग की लपटों से उठ रहे धुएं के गुबार से पूरे प्लेटफार्म पर लोगों का दम घुटने लगा। कई बार दफ्तरों के दरवाजे एवं कांच की खिड़कियां एवं रोशनदान ताेडकर अंदर पानी फेंका गया। पूरा प्लेटफार्म चंद मिनटों में पानी से लबालब हो गया। रेलवे के सारे विभागों के अफसर घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे रहे। 

शेड ढहने का खतरा: 
आग की वजह से इमारत में लगी लकड़ियां जल रही थीं, इनके ऊपर पूरा शेड था, ऊपर कर्मचारी आग बुझा रहे थे, लेकिन शेड ढहने का खतरा बना हुआ था। 

जांच होगी: 
आगजनी में काफी नुकसान हुआ है वरिष्ठ अधिकारियों ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है। राहत एवं बचाव के कार्य शुरू होंगे। ट्रेनों के परिचालन पर मामूली असर पड़ा हुआ है।