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झारखंड के आतंकी हाथियों के झुंड की बांधवगढ़ में दबिश से बढ़ा बाघों के पलायन का खतरा

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Mar 13, 2019

दिनेश भट्ट : झारखंड के आतंकी हाथियों को बांधवगढ़ की आवो हवा भा गई है। शायद यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के रास्ते तकरीबन तीन महीने पहले जिले की वनसीमा में घुसपैठ कर बांधवगढ़ पहुंचे।उत्पाती हाथी अब यही के हो लिए है पिछले तीन महीने से देखा जाये तो हाथियो का मूवमेंट बांधवगढ़ के ऐसे इलाके में देखा जा रहा है जहां बाघों की तादात सबसे ज्यादा है। मतलब साफ है हाथियों की दस्तक बाघों को रास नही आएगी और दोनों के बीच टकराव या फिर बाघों के पलायन की स्थित बन सकती है।

गौरतलब है कि जंगल का राजा यानि बाघ एकांत प्रिय स्वभाव के साथ साथ अपने इलाके में किसी दूसरे वन्यजीव का दखल बर्दाश्त नही कर सकता। ऐसे में जंगली हाथियों की दस्तक से न सिर्फ टकराव बढ़ेगा बल्कि बाघों को अपना क्षेत्र छोड़ने का दबाब होगा। वन्यजीवों के जानकर इस स्थित को खतरनाक मानते है और उनका सुझाव है कि हाथियो को कैसे भी बाहर लाना होगा और जरूरी हुआ तो उन्हें बफर के इलाके में बसाया जाये।

आमतौर पर बाघ और पालतू हाथी के बीच में बहुत ही सम्मानित रिश्ता देखा जाता है। जिसके कारण दोनों एक दूसरे पर हमला नही करते लेकिन जंगली व उत्पाती हाथी के साथ यह रिश्ता बिगड़ सकता है। मतलब साफ है बाघों को सुरक्षित रखने के लिए हाथियों को बांधवगढ़ से दूर करना होगा। यह अलग बात है कि पसंदीदा आवो हवा की वजह से बांधवगढ़ में जमे हाथियों को भी सुरक्षित करना जरूरी है। लिहाजा आसपास के क्षेत्र में हाथियों को बसाने की दिशा में शोध के रास्ते खुले है।