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कोलूखेड़ा के ग्रामीणों ने उठाई आवाज, रोड़ नही तो वोट नही

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Oct 11, 2018

अनिल डेहारिया : पंचायत की आधी आबादी के बावजूद सड़क, पानी, बिजली और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं से वंचित सड़क , पानी , बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओ से वंचित आदिवासियों ने आने वाले विधानसभा चुनाव में वोट न देने और चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना लिया है।

छिन्दवाड़ा जिले के परासिया तहसील मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर  लीखाबाड़ी पंचायत का आश्रित गांव कोलू खेड़ा जो कि पंचायत से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर जंगल किनारे बसा है। लिखाबाड़ी की जनसंख्या 1655 है , जिसमे 856 पुरुष और 799 महिलाये है लेकिन लिखाबाड़ी के आश्रित गांव कोलूखेड़ा में 741की जनसख्या होने के बाद भी सड़क नही है। अभी तक ग्रामीण पानी के लिए तरस रहे है।

आजादी के बाद से गांव में पहुँचने के लिए सड़क नही बनी। पीने के पानी के लिए दो हैडपम्प का सहारा, वह भी गर्मी के दिनों में सुख जाने की स्थिति रहती है।
अगर बरसात में कोई बीमार पड़ जाए तो इलाज के लिए खाट पर लेटाकर मुख्य मार्ग तक लाया जाता है। बरसात के दिनों में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो 108 तक नही पहुँच पाती और न धटना के वक्त डायल 100 स्वास्थ केंद्र तो है पर इलाज के लिए डॉक्टर तक नही है।

सप्ताह में एक दिन NNM पहुँचती है लेकिन विगत एक वर्ष से स्वास्थ्य केंद्र में आगनवाड़ी संचालित हो रही है कार्यकर्ता से जानकारी पर बताया कि आगनवाड़ी भवन के जर्जर हो जाने और कभी भी गिर जाने की स्थिती में कोई भी हादसा हो सकता है इसलिये लगभग 1 वर्ष से आंगनवाड़ी स्वास्थ केंद्र पर संचालित कर रहे है। गांव में आंतरिक सीसी रोड बनाई गई, लेकिन वह भी गढ़ों में तब्दील हो चुकी है चलना भी दूभर हो गया है। बिजली की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि यह कई धरो में अभी तक बिजली नही है , और जो धर में है तो धंटे भर रहती है , कब चली जाती है पता ही नही चलता । अगर बिजली में कोई फाल्ट हो जाये तो सुधारने वाला भी कोई नही है कई दिनों अंधेरे में ही गुजरना पड़ता है।

इन्ही सब बातों से परेशान ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव में वोट के बहिष्कार की बात कही है । ग्रामीणों का कहना है रोड नही तो वोट नहीं।