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भैंसदेहीः पानी का अभाव, परेशानी में घिरे लोग अब कर रहे वोट का बहिष्कार

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Apr 12, 2019

शंकर राय- मध्य प्रदेश के भैंसदेही में गर्मी शुरू होते ही पेयजल संकट शुरू हो गया है। पेयजल संकट से जूझ रहे गांवों में लोगो ने नाराजगी जताते हुए मतदान के बहिष्कार करने की बात कर रहे है। मामला बैतूल के भैसदेही तहसील के गांव क़ाबरामाल का है।

दरअसल क़ाबरामाल गांव की आबादी लगभग 700 है। इस गांव में लंबे समय से पानी का बड़ा संकट है और यहां के लोग जिन हैंडपंप के सहारे है वो भी बंद हो गए हैं। एक बोर कराया गया जिसमें भी पानी नहीं निकला। ग्रामीणों के पास एक मात्र साधन बचा जो गांव से तीन किमी दूर एक कुंआ है, उसमें भी ज्यादा पानी नहीं है। थोड़ा सा पानी रात भर में आ पाता है। कुंआ का पानी सीधे रस्सी डाल कर बाल्टी में नहीं भर पाते। जिसके कारण लोगों को चालीस फ़ीट से ज्यादा गहरे कुंआ में उतर कर पानी भरना पड़ता है। पानी कम होने के कारण पानी गन्दा भी है, पर लोगों को मजबूरी में इसी पानी को पीना पड़ता है।

पेयजल संकट की वजह से उनके गांव के लड़कों के हाथ भी पीले नहीं हो पाते

ग्रामीणों की माने तो पेयजल संकट की वजह से उनके गांव के लड़कों के हाथ भी पीले नहीं हो पा रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि कई लड़के कुँवारे है, कोई अपनी लड़की देने को तैयार नहीं होता। जब भी रिश्ते की बात होती है तो वो बोलते है कि तुम्हारे गांव में पानी नहीं है। महिलाओं का कहना है कि कुंए में जान जोखिम में डाल कर उतरना पड़ता है और गंदा पानी पीने से लोग बीमार भी हो रहे हैं। पेयजल संकट से नाराज महिलाओं का कहना है कि अगर पानी नही देंगे तो हम वोट भी नहीं देंगे। इस मामले को लेकर बैतूल कलेक्टर का कहना है कि पानी की समस्या का निराकरण किया जाएगा और लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया जाएगा। पीएचई की टीम गांव जाएगी।

जीवन बीत गया, पानी की दिक्कत देखते-देखते

ग्रामवासी सुबिया का कहना है कि जीवन बीत गया, पानी की दिक्कत देखते-देखते। इतनी दिक्कत है कि डोबरा का गंदा पानी पी रहे हैं। जिससे सब बीमार हो रहे हैं। कुएं में बच्चों को भी उतारना पड़ता है पानी के लिए। हमारे गांव को कोई बेटी नहीं देता है। दूसरी तरफ, तरुण पिथोड़े का कहना है कि पानी की समस्या हल की जाएगी और लोगों को मतदान के लिंए जागरूक किया जाएगा। साथ ही पीएचई की टीम को भेज कर पानी का ट्रीटमेंट किया जाएगा।