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हरदाः फर्जी हस्ताक्षर से सीएमओ व कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते से निकाले गये लाखों रुपए

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Mar 28, 2019

संदेश परे- हरदा जिले की खिरकिया नगर परिषद में एक अजीब सा मामला सामने आया है। यहां नगर परिषद के सीएमओ सहित अन्य 15 कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते से फर्जी हस्ताक्षर कर भारतीय स्टेट बैंक की खिरकिया शाखा से लाखों रुपए निकाल लिए गए हैं। इस मामले की सीएमओ के द्वारा थाने में  शिकायत दर्ज कराने के बाद छीपाबड़ पुलिस जांच में जुट गई है।

लिखित शिकायत पर कार्यवाई की जा रही

गर परिषद खिरकिया के कर्मचारियों की भविष्य निधि से किसी अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी तरीके से लाखों रुपए निकाल लिए हैं। जब कर्मचारियों के द्वारा भारतीय स्टेट बैंक की स्थानीय शाखा में जाकर अपनी पासबुक में एंट्री कराई, तब उन्हें उनके भविष्य निधि खाते से राशि के आहरण होने की जानकारी लगी। इस मामले को लेकर सीएमओ आत्माराम सावरे ने खुद के खाते सहित अन्य कर्मचारियों के खाते से राशि निकलने की दोषी हो उन पर सख्त से सख्त कार्यवाही करा कर, नगर परिषद की स्थापना शाखा के एक डेली वेसेज पर काम करने वाले कर्मचारी और बैंक के कर्मचारियों की साठगांठ से राशि निकाले जाने की शिकायत दर्ज की है।

दोषीयों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी

इस मामले को लेकर एसडीओपी राजेश सुल्या ने बताया कि हमारे द्वारा सीएमओ की लिखित शिकायत के बाद मामले से जुड़े हर बिंदु पर बारीकी से जांच की जा रही है। इस मामले में सीएमओ सहित अन्य कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते से भारतीय स्टेट बैंक की खिरकिया शाखा से लाखों रुपए फर्जी हस्ताक्षर से निकाले जाने की बात सामने आई है। टीआई राजेश साहू ने नगर परिषद जाकर सीएमओ सहित अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की है। इस मामले को लेकर नगर परिषद की अध्यक्ष यशोदा पाटिल का कहना है कि मामले की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने खुद कर्मचारियों के साथ थाने जाकर शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी लोग या कर्मचारी दोषी हो उन पर सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।

तकरीबन 11 लाख रूपए फर्जी तरीके से निकाले गए

इस  चर्चित मामले में सीएमओ आत्माराम सावरे सीएमओ सहित 15 कर्मचारियों के पीएफ खातों से 11 लाख रूपए फर्जी तरीके से निकाले गए है। इसमें सीएमओ एआर सांवरे के 2 लाख 22 हजार रूपए, सहायक गे्रड-2 एलएन मालवीय के 97 हजार रूपए, लेखापाल अशोक उइके के 30 हजार रूपए, पूर्व राजस्व निरीक्षक अशोक ठाकुर के 70 हजार रूपए, प्लम्बर गोपालसिंह उइके के 70 हजार 500 रूपए, ड्राइवर जयनारायण निकुम के 60 हजार 500 रूपए, सहायक राजस्व निरीक्षक आरके पासी के 38 हजार रूपए, लाइनमैन गौरीशंकर मालाकार के 28 हजार 500 रूपए, सफाईकर्मी पुष्पाबाई के 63 हजार 500 रूपए, प्रेम बोंदर के 57 हजार रूपए, महेश प्रसाद के 56 हजार रूपए, लक्ष्मीबाई के 43 हजार 500 रूपए, अनिताबाई के 43 हजार रूपए, ऊषाबाई के 38 हजार रूपए उनके खाते से फर्जी तरीके से निकाले गए हैं।  गबन के इस मामले में शक की सुई दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी चतुर्भुज गुर्जर पर पहुंची है। हालांकि इसमें अकेले गुर्जर की शामिल नहीं है। पूर्व सब इंजीनियर के ढाई लाख भी निकाले कर्मचारियों के भविष्य निधि को फर्जी तरीके से निकालने का शिकार वर्तमान कर्मचारियों के अलावा पूर्व कर्मचारी भी हुए है।