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चित्रकूटः मंदाकिनी के जलीय जीव जंतुओं का जीवन भी खतरे में

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Apr 6, 2019

रामनरेश श्रीवास्तव- प्रभु श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट में महासती अनुसुइया के तपोबल से  उद्गमित जीवनदायिनी मां मंदाकिनी  प्रशासनिक उदासीनता व लापरवाही के चलते प्रदूषण की चपेट में कराह रही है, तो वहीं अब मंदाकिनी के जलीय जीव जंतुओं का जीवन भी खतरे में है। स्थानीय प्रशासन मंदाकिनी के प्रति इतना लापरवाह है कि अब मंदाकिनी की शोभा बढ़ाने वाली मछलियों का अस्तित्व ही खतरे में है।

ऑक्सीजन की कमी से हजारों की तादाद में हुई मछलियों की मौत

मामला नगर परिषद क्षेत्र के रामघाट का है, जहां नगर परिषद के नीचे बने स्टॉप डैम को बिना सोचे समझे अचानक खोल दिया गया। जिससे रामघाट का पानी निकल गया और मंदाकिनी की मछलियां जिंदगी और मौत से जूझने लगी। इसके बाद जैसे ही स्टॉप डैम के फाटक बंद किए गए तो फाटक के पीछे का पानी कीचड़ में तब्दील हो गया और पानी में ऑक्सीजन की मात्रा अत्यंत कम होने के चलते हजारों की तादाद में मछलियों की मौत हो गई। वहीं इसका फायदा उठाकर नदी में जाल बिछाकर शिकारी करीब 2 कुंतल से अधिक जिंदा मछलियां  लेकर चले गए और नगर परिषद के अमले को भनक तक नहीं लगी। आपको बता दें कि मछलियां मंदाकिनी की शान हैं तो वहीं मंदाकिनी में प्रदूषण व काई तथा खंझी को खाकर के मछलियां मंदाकिनी के जल को साफ करने का काम करती हैं। इसी कारण चित्रकूट की मंदाकिनी में मछलियों के शिकार करने पर काफी लंबे समय से प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बावजूद भी प्रशासनिक लापरवाही का फायदा उठाकर शिकारी मछलियों का शिकार करते हैं। 

स्थानीय प्रशासन बना लापरवाह

एक तरफ तो  गंदगी की वजह से मंदाकिनी के जल में कमी, दूसरे ऑक्सीजन की मात्रा में कमी की वजह से भी जलीय जीव जंतु और मछलियों की मौत हो रही है। वहीं मछलियों के शिकारी भी मछलियों के दुश्मन बन गए हैं। यदि यही हाल रहा तो जीवनदायिनी मंदाकिनी में जलीय जीव जंतुओं के साथ-साथ मछलियां भी विलुप्त हो जाएंगी और मंदाकिनी का जल हाथ लगाने लायक भी नहीं बचेगा। मछलियों के मरने के बाद  अभी भी रामघाट के नीचे गंदगी का आलम है। इस हालत को देखकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है। किंतु स्थानीय प्रशासन लापरवाही बना हुआ है।