May 25, 2020
गणेश विश्वकर्मा : पन्ना जिले में टिड्डी दल ने प्रवेश किया और पूरे शहर में चारों तरफ टिड्डियों का झुंड दिखाई देने लगा। यह दल करीब 3 से 5 किलोमीटर की रेडियस में उड़ता हुआ शहर पहुंचा। पन्ना शहर में करीब एक घंटे तक रहने के बाद जनकपुर में क्रॉस करते हुए आगे की ओर बढ़ गया। जिला प्रशासन के अमले ने अपनी गाड़ियों के साइरन बजाकर इस टिड्डी दल को भगाने का प्रयास किया। साथ ही शहरवासियों ने भी थाली बजाकर कोलाहल किया।
फसलों को नुकसान पहुंचाता है टिड्डी दल
बता दें कि, यह टिड्डी दल जहाँ से गुजरता है और जहाँ पर विश्राम करता है वहाँ पर किसानों की फसलों, सब्जियों को नुकसान कर सकता है। वहीं कृषि अधिकारी एपी सुमन ने बताया कि यह टिड्डी दल बहुत लम्बी-लम्बी दूरियों तक उडान भरता है। यह फसल को चबाकर, काटकर खाने से नुकसान पहुंचाता है। यह उद्यानिकी फसलों, वृक्षों एवं कृषि की फसलों को बहुत बड़े स्वरूप में एक साथ हानि पहुंचा सकता है। इसके नियंत्रण के लिए किसान भाई दो प्रकार के साधन अपना सकते हैं। जिसमें भौतिक साधन किसान भाई टोली बनाकर विभिन्न प्रकार के परम्परागत उपाय जैसे शोर मचाकर, ध्वनिवाले यंत्रों को बजाकर, डराकर भगा सकते हैं। इसके लिए ढोलक, ट्रैक्टर, मोटर साईकिल का साइलेंसर, खाली टीन के डिब्बे, थाली इत्यादि से भी सामूहिक प्रयास से ध्वनि की जा सकती है। ऐसा करने से टिड्डी दल नीचे न आकर फसलों पर न बैठकर आगे प्रस्थान कर जाता है।
किसानों ने जताई चिंता
इसी प्रकार रासायनिक नियंत्रण में सुबह से कीटनाशी दवा ट्रेक्टर चलित स्प्रे पम्प, पावर स्प्रेयर द्वारा जैसे क्लोरोपायरीफाॅस 20 ई.सी. 1200 मि.ली. या डेल्टामेथरिन 2.8 ई.सी. 600 मि.ली. अथवा लेम्डाईलोथिन 5 ई.सी. 400 मि.ली., डाईफ्ल्यूबिनज्यूराॅन 25 डब्ल्यू टी. 240 ग्राम प्रति हेक्टेयर 600 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें। टिड्डी दल हवा की गति के अनुसार चलता है। वहीं किसानों ने फसलों को लेकर चिंता व्यक्त की है।