Jul 19, 2024
मोहन यादव के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के अंतर्गत अब सीबीआई को प्रदेश में जांच करने से पहले राज्य सरकार से लिखित में परमिशन लेनी होगी. ऐसा पहले भी बहुत से प्रदेशों में हुआ है. लेकिन , यह फैसला अधिकतर उन प्रदेशों में लिया है जहां बीजेपी की सरकार नहीं है. इन प्रदेशों में पक्ष्मि बंगाल , तमिलनाडु , पंजाब , केरल और तेलंगाना जैसे राज्य शामिल है. अब मध्यप्रदेश में भी सीबीआई को जांच करने के लिए राज्य सरकार से लिखित में अनुमती लेनी होगी. राज्य सरकार के इस फैसले के बाद अब गृह विभाग ने इससे संबंधित नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. यह नियम 1 जुलाई से ही प्रभावी माना जाएगा. राज्य सरकार ने दिल्ली पुलिस अधिनियम की धारा 3 की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह फैसला लिया है.
सीबीआई जांच का विरोध करते दिखते है विपक्ष के नेता
जहां भी बीजेपी की सरकार नहीं है. उन राज्यों के नेता अक्सर सीबीआई जांच का विरोध करते ही दिखते है औऱ केंद्र सरकार पर सीबीआई का गलत इस्तमाल करने का गंभीर आरोप भी लगाते है. ऐसे में जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है ,जैसे , केरल , बंगाल , झारखंड, पंजाब, तमिलनाडु ने पहले से ही वहां पर सीबीआई को जांच से पहले लिखित में आदेश लेने का नियम बनाया हुआ है. बात करे मध्यप्रदेश की तो यहां पर तो पहले से ही बीजेपी की सरकार है. लेकिन , इसके बाद भी यह देखा गया की अब यहां भी राज्य सरकार ने यह फैसला ले लिया है. इस फैसले के पीछे क्या कारण है यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है.