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धरमपुरीः महावीर जयंती पर भगवान श्री महावीर की पद्मासन स्वरूप प्रतिमा के दर्शन पहुंचे भक्तजन

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Apr 18, 2019

त्रिलोक राठौर- कल पूरे देश में जैन समाज के लोगों ने महावीर जयंती का पर्व मनाया। यह जैन समाज का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इसी महा पर्व मांडव के कागदीपुरा स्थित दिगम्बर जैन अतिशय छेत्र छोटे महावीर जी के मंदिर में बड़ी संख्या में समाज जन पहुंचे।  भगवान श्री महावीर की पद्मासन स्वरूप प्रतिमा के दर्शन किया।

प्रतिमा के कंधे पर दो छोटी छोटी प्रतिमा और गोद में एक अन्य प्रतिमा विराजमान

आपको बता दें कि ग्राम कागदीपुरा में जिस स्थान पर भगवान श्री छोटे महावीर जी का मंदिर है उस स्थान पर पूर्व में एक मिट्टी का टीला हुआ करता था। 27 अक्टूबर 2007 को ग्राम कागदीपुरा के ही विक्रम और सुनील नामक आदिवासी समाज के दो बच्चे उस मिट्टी के टीले पर खेल रहे थे। खेल-खेल में उन दोनों बच्चों को मिट्टी के टीले में मूर्तियां दिखाई। बच्चों ने इस बारे में परिजनों को बताया। जिसके बाद यह खबर आसपास के क्षेत्रों में आग की तरह फैल गई। मौके पर जैन समाज के लोग भी एकत्रित हुए और ग्रामीणों की सहायता से बच्चों के द्वारा बताए गए स्थान पर खुदाई करवाई गई, तो वहां पर से साढे 4 फीट लंबी पद्मासन स्वरूप में भगवान महावीर जी की प्रतिमा निकली। इस प्रतिमा के कंधे पर दो छोटी छोटी प्रतिमा और गोद में एक अन्य प्रतिमा विराजमान थी। इन प्रतिमाओं को णमोकार मंत्र के बाद बाहर निकाला गया। वहीं समाज जनों ने उक्त स्थान पर छोटे महावीर जी का मंदिर बनाने का काम भी शुरू किया।

श्री महावीर के दर्शन मात्र से ही मन को मिलती है बड़ी शांति

मंदिर के प्रमुख विनय छाबड़ा ने बताया कि भगवान श्री महावीर के दर्शन मात्र से ही मन को बड़ी शांति मिलती है। भक्तों की सारी मुरादें पूरी होती है और यहां पर बड़ी संख्या में पूरे भारत वर्ष से जैन समाज के लोग छोटे महावीर जी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं और स्वयंभू भगवान श्री छोटे महावीर जी के दर्शन कर खुद को धन्य मानते हैं। महावीर जयंती के मौके पर यहां पर भी भक्तों का तांता लगा रहा। हर कोई भगवान महावीर के दर्शन कर सुख शांति की का अनुभव कर रहा था।