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मेड़िकल छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन, पढ़ाई के नाम पर हो रही फीस वसूली

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Apr 10, 2018

इंदौर के कनाडिया गांव में स्थित मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में उस वक्त हंगामा मच गया जब कॉलेज में पढने वाले छात्र, फेकल्टी और हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने वेतन नहीं मिलने, लम्बे समय से कक्षाओं के न लगने को लेकर विरोध करना शुरू कर दिया। हालाँकि हडकंप उस वक्त मच गया जब शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे फेकल्टी के ऊपर पुलिस के साथ आये खुद को पुलिस बताने वाले व्यक्ति ने हमला कर दिया। जिससे गुस्साएं छात्र, फेकल्टी और डॉक्टरों ने हंगामा कर दिया और हमला करने वाले पर और कॉलेज के चेयरमैन पर कार्यवाही की मांग की। मामले को बढ़ता देख कनाडिया थाना प्रभारी एम.एल चौहान और सीएसपी भी पहुंचे और सभी को समझाईश दी। 

दरअसल पूरा मामला इंदौर बायपास पर बसे कनाडिया गांव में मॉडर्न इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस कॉलेज, सेवाकुंज हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर का है जहाँ बरसों से काम कर रहे कॉलेज की फैकल्टी समेत कर्मचारियों को दो साल से उनका भुगतान नहीं किया गया साथ ही मेडिकल की पढाई कर रहे लगभग 150 से अधिक छात्रों से फीस भी ले ली और अब कक्षाएं भी नहीं लग रही ऐसे में उनका भविष्य भी अंधकार में है। 

कलेक्टर के समक्ष की शिकायत, कोई जवाबी कार्यवाही नहीं
कॉलेज में नहीं लग रही नियमित कक्षाओं को लेकर हाल ही में सैंकड़ों छात्रों ने भोपाल स्थित सीएम हाउस के बाहर भी धरना दिया था हालाँकि छात्रों को बल पूर्वक वहां से आश्वासन देकर हटा दिया गया था, मामले में छात्रों, फैकल्टी और कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कलेक्टर के समक्ष भी अपनी शिकायत करवाई है लेकिन कोई जवाबी कार्यवाही नहीं हो पाई है, 

शांतिपूर्वक हंगामे पर कॉलेज चेयरमेन ने जताई आपत्ति
बता दें आज जब वह शांति पूर्वक हंगामा कर रहे थे उस दौरान कॉलेज के चेयरमैन डॉ रमेश बदलानी ने पुलिस को बुलाया और बदतमीजी की वहीं उक्त मामले में कॉलेज की मेडिकल सुप्रिटेडेंट से बात कि गई तो उन्होंने छात्रों को कर्मचारियों का समर्थन करते हुए कॉलेज को सुचारू रूप से संचालित करने की बात कही साथ ही उन्होंने मामले को जल्द ख़त्म करने की भी मांग की है।

पढ़ाई के नाम पर हो रही फीस वसूली 
कॉलेज के छात्रों ने नीट की एग्जाम पास कर मेरिट के आधार पर मॉडर्न इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन पढाई के नाम पर कॉलेज में कुछ नहीं करवाया जा रहा, जिससे सैंकड़ों बच्चों का भविष्य अन्धकारमय होता नज़र आ रहा है वहीं मामले में यह बात भी सामने आई है कि, फर्स्ट इयर में पढने वालों छात्रों से सेकंड इयर की फीस भी पहले ही ले ली गई है, लिहाजा देखा जाए तो जहाँ इन बच्चों की एक साल की फीस लगभग 5 लाख है वहीं उनसे पहले ही दो वर्ष की फीस लेकर सुविधा के नाम पर तो खिलवाड़ किया ही जा रहा है साथ ही एडवांस फीस लेकर कॉलेज चेयरमैन के इरादे भी नेक नज़र नहीं आ रहे है उधर जब कॉलेज में मेडिकल की पढाई कर रहे छात्रों से बात की गई तो पता चला कि पिछले 6 महीने से उनकी क्लास ही नहीं लग रही, जब इसका कारण जाना गया तो सैलरी नहीं मिल पाने के कारण फैकल्टी का अभाव सामने आया। ऐसे में बड़ा प्रश्न छात्रों के सामने अब यह है कि उन्होंने लगभग 10 लाख फीस तो जमा कर दी है और पढाई का एक साल भी पूरा कर लिया ऐसे में आगे उनकी पढाई कैसे हो पाएगी।

छात्रों और कर्मचारियों को मिल रहा सिर्फ आश्वासन
उक्त मामले में छात्रों को और कर्मचारियों को कॉलेज प्रबंधन की ओर से केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है कर्मचारियों की सैलरी उन्हें एक - दो माह में मिल जाएगी तो वहीं छात्रों को आश्वासन मिल रहा है कि जल्द ही उनकी कक्षाएं लगना शुरू हो जाएंगी। बहरहाल मामला बड़ा ही गंभीर है ऐसे में अब देखना है कि पूरे मामले में शासन और प्रशासन दोनों क्या गंभीरता बरतते हुए मामले में संज्ञान लेते है।