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मेघनगर में प्रदूषित फैक्ट्रियों से लोगों का जीना हुआ दुस्वार

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Jan 28, 2018

मेघनगर, झाबुआ। औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में स्थापित प्रदूषित केमिकल फैक्ट्रियों के करीन्दो ने क्षेत्र को प्रदूषित करने की सारी हदें पार कर दी है। और तो और प्रशासनिक अधिकारी भी इनके आगे नतमस्तक बने हुए हैं। राजनीतिक दलों के नेताओं की मोन चुप्पी भी शंकाओं के घेरे में दिखाई दे रही है। जिससे इन करिंदों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। वर्षों से प्रदूषित फैक्ट्रियों के करीन्दो द्वारा प्रदूषण का ऐसा खेल खेला जा रहा है कि पूरे क्षेत्र में लाल पीला काला पानी खुले में छोड़ते हुए नदी-नाले, कुुंए, तालाब सहित पूरे क्षेत्र के भूगर्भ में मानो जहर घोल दिया हो। कई बार शिकायतें हुई, जन आंदोलन हुए लेकिन गंदी राजनीति के दलदल में फंसे स्वार्थी नेताओं ने इन्हें अपना संरक्षण देकर पूरे क्षेत्र को प्रदूषित कर दिया और अभी तक धरातल पर दिखाई देने वाला प्रदूषण ने अब आकाशीय प्रदूषण ने बड़ा रूप ले लिया है। जिससे इन फैक्ट्रियों से छूटने वाला धुंए व बदबूदार गैस ने लोगों का जीना दुस्वार कर दिया है। रात्रि निद्रा के पश्चात सुबह की पहली किरण के साथ पूजा भक्ति में ध्यान करने वालों को अब उठते ही जी मचलाना, खुजली चलना, दम घुटना ,सर दर्द होना, आंखों में जलन धार्मिक क्रिया की जगह अपने शारीरिक दर्द को सहन करने पर समय व्यतीत करना पड़ रहा है। अपने धार्मिक नित्त कर्म पर बाधा बने प्रदूषित केमिकल के स्वार्थी नेताओं को सांसे भरते लोगों की बद्दुआ ही मिल रही है। प्रदूषित बदबूदार गैस व धुंए से पीड़ित महिलाओं ने बताया की कोई दर्जनभर बड़ी प्रदूषित केमिकल फैक्ट्री जो अपने रसूख के कारण अपनी मनमर्जी से चला रहे हैं। जिसके कारण पूरा क्षेत्र प्रदूषित हो रहा है। जिससे मेघनगर सहित आस पास के सारे ग्रामीण इसकी चपेट में आ रहे है। इसी के चलते धीरे-धीरे लोगों में आक्रोश की ज्वाला फूटने लगी और रविवार शाम 5 बजे मेघनगर नगर सहित आसपास गांव के पुरुष एवं महिला बच्चे सहित द्वारा मेघनगर थाने पर थानाप्रभारी को ज्ञापन देने पहुंचे समय रहते इन प्रदूषित फैक्ट्रियों पर नकेल नहीं कसी तो कभी भी यहां की जनता का आक्रोश विस्फोटक रूप ले सकता है। इसी के चलते लोगों ने एसडीएम को भी ज्ञापन सौंप दिया है। और लगभग 150 एफआईआर हो सकती हैं।