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वन और स्टाफ पर हर माह लाखों रुपए खर्च, स्टाफ अनुपस्थित

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Apr 24, 2018

कोलारस के ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बेहद बद्तर है। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से न सिर्फ आम जनता जूझ रही है बल्कि मूक पशुओं को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाल स्थिति को समझने के लिए दूरस्थ ग्रामीण अंचल में जाने की जरुरत नहीं है क्योंकि इसकी हकीकत कोलारस तहसील अंतर्गत आने वाले हाइवे स्थित लुकवासा कस्बे में देखी जा सकती है।

इलाज के अभाव मेें पशुओं ने तोड़ा दम 
यहां सरकार ने पशु चिकित्सालय खोल दिया, स्टाफ की भर्ती भी कर दी लेकिन खास बात यह है कि यहां पदस्थ स्टाफ पर शासन हर माह लाखों रुपए का बजट खर्च कर रही है लेकिन स्टाफ अपनी ड्यूटी ठीक ढंग से नहीं निभा रहा है, जिसके चलते लुकवासा सहित आसपास के आधा सैकड़ा गांव के किसानों के पशुओं को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि वे जब भी अपने पशुओं को लेकर लुकवासा पशु चिकित्सालय आए तो डॉक्टर नहीं मिले, जिसके चलते उन्हें बिना इलाज के ही अपने पशु को ले जाना पड़ा। यही नहीं पशुओं को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत इतनी बद्तर है कि कई गांवों में तो किसानों के पशु इलाज के अभाव मेें दम तोड़ चुके हैं।

मुख्य डॉक्टर महीने में आते हैं एक बार अस्पताल
जानकारी के मुताबिक लुकवासा पशु चिकित्सालय पर शासन ने जो स्टाफ पदस्थ किया है उसमें एक व्हीएएस हैं जिनका नाम दीप्ती कोटस्थाने हैं। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक डॉ दीप्ती का एक माह का वेतन 50 हजार से अधिक है लेकिन यह अपनी ड्यूटी अस्पताल पर एक माह में एक बार ही देती है। इसके अलावा एक एव्हीएफओ मुकेश कुमार, एक पीटीएस घनश्याम तथा गोसेवक अर्जुन सिंह दांगी पदस्थ हैं। गौर करने वाली बात है कि मुख्य डॉक्टर के अस्पताल पर नियमित न आने से अन्य स्टाफ पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है, जिसके चलते वह भी नियमित अस्पताल पर मौजूद नहीं रहता है।