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मनावरः करोड़ों की लागत से बनने वाली ओमकारेश्वर नहर परियोजना अधूरेपन की भेंट

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Mar 8, 2019

अशोक पाटीदार- करोड़ों की लागत से बनने वाली ओमकारेश्वर नहर परियोजना के चौथे चरण का काम अभी भी अधूरा है, जिसके चलते किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। अब वह परेशान हो रहे हैं। धार जिले के 120 गांव की 29947 हेक्टेयर को सिंचित करने के लिए ओंकारेश्वर अंडरग्राउंड नहर योजना के चौथे चरण का काम, वर्ष 2012,13 में गुजरात के सद्भाव और जी के सी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने मिलकर इस नहर निर्माण का कार्य शुरू किया।  ओम्कारेश्वर परियोजना के चौथे चरण का काम वर्ष 2016-17 तक पूर्ण होना था, पर ठेकेदार की मनमर्जी और जवाबदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते, चरण का काम आज भी अधूरा पड़ा हुआ है।

बार बार शिकायत करने के बाद नहर का काम आज भी अधूरा

आपको बता दें कि यदि समय रहते नहर परियोजना का काम पूर्ण होता है तो धार जिले के 120 गांव के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सकता है। इस परियोजना से धार जिले के जाने का लक्ष्य है। ना होने के चलते किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है। इस परेशानी से अवगत कराते हुए क्षेत्र के किसानों ने मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार की नर्मदा घाटी प्राधिकरण विकास विभाग के मंत्री सुरेंद्रसिंह बघेल को ज्ञापन भी सौंपा था और मांग की थी कि जल्द से जल्द नहर का काम शुरू करवाया जाए। जिस पर मंत्री बघेल ने किसानों को आश्वासन दिया था कि इस संदर्भ में अधिकारियों के साथ बैठक कर नहर का काम जल्द शुरू करवा दिया जाएगा। मौजूदा स्थिति में आज भी नहर का काम अधूरा है और विभाग की जानकारी के अनुसार ओमकारेश्वर नहर परियोजना के चौथे चरण का काम करने वाली कंपनी को विभाग की ओर से 350 करोड़ में से 300 का भुगतान के बाद भी नहर का काम अधूरा है। ग्राम सूलीबयड़ी के किसान महेश ने बताया कि इस नहर परियोजना का काम काफी घटिया स्तर से किया गया है। जो पाइप लगाए गए हैं, वह भी टूटे फूटे थे। नाहर में पाइप पैकिंग का काम भी नहीं है जिसके चलते यह नहर जगह जगह से लीकेज हो सकती है। नहर का पानी खेतों तक जाना संभव नहीं दिखाई दे रहा है। मंत्री के आश्वासन के बाद भी क्या घटिया स्तर से निर्माण की गई। ओमकारेश्वर नहर प्रयोजना की चौथे चरण से किसानों को पानी मिलता है या फिर किसान पानी के लिए ही तरसते रहेंगे और करोड़ों का पैसा बिना पानी के नहर में बहा दिया जाएगा।