Loading...
अभी-अभी:

फार्मा मीट-2018 : फार्मेसी के क्षेत्र में म.प्र. की स्थिति खराब

image

Apr 8, 2018

ऑल इंडिया फार्माक्यूटिकल एसोसिएशन ने इंदौर में फार्मा मीट-2018 का आयोजन किया, जिसमें प्रदेशभर के फार्मेसी कॉलेजों के एक हज़ार छात्रों और पदाधिकारियों ने भाग लिया। फार्मा मीट की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री सामाजिक न्याय थावरचंद गेहलोत ने की। इस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य चिकित्सा मंत्री रुस्तम सिंह और तकनीकी शिक्षा मंत्री दीपक जोशी भी मीट में शामिल हुए, फार्मा के क्षेत्र में प्रदेश में कैसे सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ ही रोजगार के सुलभ अवसर प्रदान करने पर विचार-विमर्श किया गया। 

फार्मेसी के क्षेत्र में म.प्र. पीछे
फार्मेसी के क्षेत्र में म.प्र. की हालत ज़्यादा बेहतर स्थिति में नहीं दिखाई दे रही है, वजह है फार्मेसी कॉलेजों में पढ़ाए जाने वाला पाठ्यक्रम का अपडेट ना होना, अब जाकर मप्र सरकार इस ओर ध्यान दे पा रही है। पाठ्यक्रम में अपडेट की कमी की वजह से फार्मा छात्रों को रोजगार की समस्या उत्पन्न हो रही है तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास मंत्री दीपक जोशी ने पाठ्यक्रम में जल्द सुधार करने की बात कही। 

फार्माक्यूटिकल के लिए केंद्र सरकार ने बनाई कई योजनाएं 
फार्मा मीट की अध्यक्षता करने वाले सामाजिक न्याय थावरचंद गेहलोत मंत्री के मुताबिक फार्माक्यूटिकल के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं बनाई है और प्रदेश स्तर तक केंद्र योजनाओं को पहुंचाने का काम कर रहा है, जिससे आने वाले दिनों में योजनाओं का लाभ लेकर छात्रों को रोजगार देने के साथ ही देश की उन्नति में भागीदार बनने की उम्मीद जताई।

स्वास्थ्य चिकित्सा मंत्री ने फार्मा इंडस्ट्री का किया गुणगान 
फार्मा मीट-2018 में प्रदेश के विभिन्न फार्मेसी कॉलेजों के एक हज़ार छात्र व फार्मेसी से संबंधित उद्योग, अस्पताल से संबंधित कई फार्मेसिस्ट के पदाधिकारी ने भाग लिया। छात्रों के द्वारा फार्मेसी के विभिन्न विषयों पर मॉडल, पोस्टर की प्रदर्शनी भी लगाई गई। प्रदेश के स्वास्थ्य चिकित्सा मंत्री रुस्तम सिंह ने जहाँ फार्मा इंडस्ट्री का गुणगान किया, मंत्री के मुताबिक प्रदेश में सबसे ज़्यादा फॉरेन ट्रेड करने की बात कही। वहीं सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था प्रदेश में शुरू की गई इसकी जानकारी भी साझा की गई है।