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सड़कों पर दौड़ रही कंडम एंबुलेंस, मरीजों की जान के साथ हो रहा खिलवाड़

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Apr 11, 2018

प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे द्वारा जिगित्सा हेल्थ केयर को जब से एम्बुलेंस 108 की कमान दी गई है तभी से एम्बुलेंस सेवा खुद ही बीमार हो गई है। इमरजेंसी एम्बुलेंस 108 सेवा के सुधार किए जाने के दावे सिर्फ कागजी फरमान के भरोसे नजर आ रहे है और आज हालात ये है कि एम्बुलेंस 108 को खुद ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है।

बता दें जिगित्सा हेल्थ केयर द्वारा मनमानी करते हुए कंडम एम्बुलेंस के सहारे घायलों एवं मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। लेकिन इस खिलवाड़ को देखने के बाद भी स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों के पास अधिकार ना होने की वजह से चाहकर भी बिगड़ती हुई इमरजेंसी 108 सेवा में सुधार तक नहीं कर पा रहे है। जबकि पूर्व में जननी एवं 108 सेवा का समय समय पर निरीक्षण एवं एम्बुलेंस लॉकबुक सत्यापन के साथ—साथ कार्रवाई के अधिकार स्वास्थ्य महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों के पास थे। लेकिन जब से जिगित्सा हेल्थ केयर ने इमरजेंसी सेवा का जिम्मा लिया तब से लॉकबुक सत्यापन कार्य एवं कार्रवाई किए जाने तक के अधिकार जिला स्तर पर नहीं दिए गए है।

हेल्थ केअर कंपनी की मनमानी
जिगित्सा हेल्थ केअर कंपनी द्वारा मनमाने तरीके से कंडम एम्बुलेंसों को सड़कों पर दौड़ाकर पूरा भुगतान लिया जा रहा है। वहीं जननी एक्सप्रेस सेवा भी जिकित्सा हेल्थ केयर द्वारा एनएचएम से स्वयं संचालित किए जाने का अनुबंध करते हुए कई ठेकेदारों (वेंडर) के हवाले कर दी गई है। जिन्हें कम भुगतान करते हुए अधिक भुगतान कम्पनी द्वारा प्राप्त किया जा रहा है। वहीं इस जिगित्सा हेल्थ केअर अनट्रेंड ड्राइवरों को रखकर लोगों की जान से खिलबाड़ कर रही है। ईएमटी ने भी अनट्रेंड रखकर लोगों की जान से खिलबाड़ करने में कोई कसर नही छोड़ी है।

ईमटी की वजह से एम्बुलेंस में न​ही हो पा रहा उपचार
रायसेन जिले में संचालित होने वाली 108 एम्बुलेंस सेवा के ड्राइवरों एवं ईएमटी द्वारा 8 घंटे की ड्यूटी किए जाने की मांग को लेकर वाहन खड़े कर दिए गए। लेकिन कम्पनी द्वारा आनन-फानन में अनट्रेंड ड्राईवरों को एम्बुलेंस में इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) नहीं होने की वजह से समय रहते एम्बुलेंस में उपचार तक नहीं मिल पा रहा है वहीं बताया गया कि कंडम हो चुकी एम्बुलेंस में समय समय पर काम तक नहीं कराया जा रहा है। जिसकी वजह से समय पर मरीजों,घायलों को अस्पताल तक पहुंचा पाना मुश्किल हो रहा है। 

संजीवनी वाहन बने शोपीस
विदेश मंत्री सुषमा ने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को गांव गांव तक पहुंचाए जाने के मकसद से विदिशा रायसेन क्षेत्रीय सांसद एवं भारत सरकार में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा अपनी सांसद निधि से सर्व सुविधा युक्त संजीवनी वाहन दिए गए थे। और आज संजीवनी वाहन अब शोपीस बनकर खड़े हो गए है। वहीं अधिकारी सूत्रों की माने तो इन वाहनों को चलने योग्य ना बताते हुए खड़ा कर दिया गया है। जबकि अगर यह वाहन 7 साल पुराने सड़क पर चलने योग्य नहीं बचे है तो जिगित्सा द्वारा 6 से 7 साल पुरानी एम्बुलेंस कैसे चलाई जा रही है जिससे कई सवाल उठ रहे है।  

एम्बुलेंस 108 की सेवा पर उठे सवालिया निशान
इस कंपनी में काम कर चुके कर्मचारियों ने एम्बुलेंस 108 की सेवा पर सवालिया निशान खड़े किया है विनोद कुमार ने कहा कि इस पर जो काम कर रहे है उन्हें इलाज करने के नाम पर कुछ नही आता है। वहीं एक ड्राइवर उपदेश नाथ का मानना है कि एम्बुलेंस 108 को ऑक्सीजन की जरूरत भी है एक अन्य ड्राइवर ने माना कि उसे कुछ भी नही आता है।