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चित्रकूट : प्रमोदवन वृद्धाश्रम में भुखमरी के चलते एक निराश्रित की मौत

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Jun 1, 2019

रामनरेश श्रीवास्तव : सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन विभाग सतना द्वारा संचालित चित्रकूट स्थित प्रमोदवन वृद्धाश्रम में भुखमरी के चलते एक निराश्रित की मौत हो गई। वृद्ध आश्रम के निराश्रितों का कहना है कि शासन द्वारा उन्हें आजीविका हेतु मिलने वाली धनराशि पिछले 6 माह से प्राप्त नहीं हुई जिसकी वजह से बृद्धाश्रम के निराश्रित भुखमरी के संकट से जूझ रहे हैं।

भोजन के लिए बाहर का रास्ता देखते हैं लोग
बता दें कि वृद्ध आश्रम के ज्यादातर निराश्रित मंदिरों में होने वाले भंडारे और इधर उधर से भोजन कर आते हैं लेकिन मृतक रघुनाथ बीमारी के चलते घर में ही पड़े रहते थे उनकी वृद्ध पत्नी अपनी भूख मिटाने के लिए किसी न किसी मंदिर, आश्रम से भोजन कर आती थी पर वृद्ध रघुनाथदास घर पर चारपाई में ही लेटे लेटे भगवान को प्यारे हो गए। 

निराश्रित रघुनाथ लंबे समय से थे बीमार
गौरतलब है कि निराश्रित रघुनाथ लंबे समय से बीमार थे किंतु इलाज हेतु पैसा न होने की वजह से वह घुट घुट कर जी रहे थे, प्रशासनिक स्तर पर कई बार निराश्रितो ने जिला प्रशासन से जीवन यापन हेतु धनराशि की मांग की किंतु प्रशासनिक उपेक्षा के  शिकार चित्रकूट के इस वृद्ध आश्रम की हालत देखकर न तो सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन विभाग के अधिकारियों का दिल पसीज रहा  और न ही तहसीलदार और एसडीएम ने ही 6 माह की लंंबित  राशि दिलाने के प्रयास किये जिसकी वजह से आज एक निराश्रित की मौत हो गई। 

वृद्धआश्रम की हालत हुई दयनीय
बताया जा रहा है कि प्रमोदवन के इस वृद्धआश्रम में विगत 6 माह से न तो कर्मचारियों को वेतन मिला और न ही निराश्रितों को भूख मिटाने और इलाज हेतु धनराशि मिली। यहां तक कि अब यह निराश्रित भूख और इलाज के अभाव में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। ज्ञात हो कि इस वृद्ध आश्रम की स्थापना विगत 30 वर्षों पूर्व सेवानिवृत्त आईएएस एमपी सिंह ने की थी, लंबे समय तक बृद्धाश्रम की व्यवस्था ठीक ठाक चली मगर सोसायटी में विवाद होने के बाद यह बृद्धाश्रम सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जान विभाग सतना एवं जिला प्रशासन सतना के अधीन हो गया तब से वृद्धआश्रम की हालत अत्यंत दयनीय हो गई है।