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अतिक्रमण हटाने पहुंची राजस्व विभाग की टीम, लोगों ने सड़क पर बैठकर किया धरना प्रदर्शन

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Mar 27, 2019

मनीष नरबरिया : हाइकोर्ट के आदेश पर बुधवार को राजस्व विभाग, पुलिस की टीम के साथ राजपुर गांव में अतिक्रमण हटाने पहुँची तो स्थानीय लोगो ने भारी हंगामा कर दिया। लोगों ने जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की एवं महिलाओं एवं बच्चो के साथ सड़क पर बैठ कर प्रर्दशन किया। सुबह 10 बजे से अतिक्रमण हटाने पहुँची टीम दिन भर लोगों के विरोध के चलते चिन्हित पक्के अतिक्रमण नहीं तोड़ सकी। बता दें कि दिन भर की मशक्कत के बाद मंदिर की कुछ दुकानों पर जेसीवी मशीन चला के उनकी शटर एवं छज्जे गिरा कर अतिक्रमण हटाने की औपचरिकता पूरी की। प्रशासन की शिकायत पर राजपुर चौकी में आचार संहिता उल्लंघन, शासकीय कार्य मे रुकावट एवं बलवा का मामला दर्ज किया गया है। जिसमें 32 लोगों को नामजद एवं 200 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।

क्या है मामला?
करीब तीन चार साल पहले राजपुर में रामजानकी मंदिर के ट्रस्ट के लोगो ने  मंदिर के आगे कुछ दुकान बना कर उनको नीलाम कर दिया इस बात को लेकर मंदिर के पास रहने बाले राजू अहिरवार से विवाद हुआ एवं वह इस निर्माण के खिलाफ कोर्ट में चला गया।मगर  स्थानीय स्तर के समझौते के बाद  पीछे हट गया गया ।मगर इसी मामले को लेकर एक अन्य व्यक्ति उधम सिंह  ने 2015 में एक जनहित याचिका ग्वालियर हाईकोर्ट में दायर की, जिसमें शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाने का आग्रह किया गया था। इस पर हाईकोर्ट ने उक्त भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने का निर्देश प्रिंसिपल सेक्रेट्री को 29 मार्च तक कोर्ट में तलब किया है। जिसका याचिका दायर क्रमांक 8603 / 2015 है। जिसको लेकर हाईकोर्ट ने राजस्व विभाग को उक्त भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। करीब तीन माह पहले भी इस अतिक्रमण को हटाने की तैयारी की गई थी मगर उस समय किसी कारणों से यह अतिक्रमण नही हट पाया था। इसी मामले को लेकर बुधवार को अशोकनगर एसडीएम नीलेश शर्मा राजस्व विभाग के कर्मचारी एवं पुलिस बल के साथ राजपुर अतिक्रमण हटाने पहुंचे।

दोष किसका?
जिस भूमि में अतिक्रमण है। वह लगभग 1 एकड़ की भूमि है, और पूरी भूमि में पक्के मकान एवं प्रधानमंत्री आवास भी बने हुए हैं अगर शासकीय भूमि  थी तो  फिर यहां  आवास बनाने की अनुमति कैसे दे दी गई।  इसी भूमि पर पूर्व में पट्टे भी वितरित किये जा चुके है।मगर रिकार्ड में दर्ज नही होने के कारण हाईकोर्ट ने इन पट्टो को नही माना। इसमे भी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिये।बताया जा रहा है इस पूरे नम्बर में करीव 200 निर्माण है जिनमे मकान एवं दुकान शामिल है इनमे  गरीब तबके की एवं मध्यम वर्ग के लोग निवास करते हैं। जिनके पास इस आशियाने के अलावा दूसरा और कोई आशियाना नहीं