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बैतूल के भैंसदेही में स्कूली बच्चे जान हथेली पर रखकर पढाई करने को मजबूर

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Aug 22, 2018

शंकर राय : मुख्यालय भैंसदेही से महज कुछ किलोमीटर दूर बगदरा का यह प्रायमरी स्कूल मौत के सामान से कुछ कम नहीं है। ऐसा हम नही कह रहे इसकी हालत खुद बयां कर रही है। दीवारों और फर्स पर बड़े बड़े गड्ढे इस बरसाती मौसम में सांप, का डेरा बन जाते है यहाँ भी कुछ ऐसा ही है दीवारों में दरारें,फर्स पर सुराख़,और छत को थामे रहने वाली लकड़िया कब धराशाही हो जाए कोई नहीं जानता। स्कूल में निकलने वाले साँप कीड़े मकोड़े से ये नौनिहाल भी डरे हुए है।

स्कूल की इस दुर्दशा को देखकर परिजनों ने भी बच्चो को स्कूल भेजना बंद कर दिया है। जो कुछ बच्चे यहाँ पहुचते है वे भी जान जोखिम में डालकर पड़ते है। बच्चो की माने तो उन्हें माता पिता स्कूल जाने से माना करते है। भैंसदेही नगर के प्राइमरी स्कूल बगदरा में पहली से पांचवी तक बच्चे शिक्षा लेते हैं इस स्कूल में 84 बच्चे शिक्षा को प्राप्त कर रहे हैं लेकिन प्राइमरी स्कूल की हालत कई सालों से खस्ताहाल हो चुकी है लेकिन प्रशासन ने अभी तक इस जर्जर स्कूल की सूत तक नहीं ली जिसके कारण आज भी बच्चों को इस जर्जर स्कूल में पढ़ाई करने को मजबूर है। इतना ही नहीं जर्जर स्कूल मैं बच्चों की पढ़ाई करने के लिए पर्याप्त रूप से जगह भी नहीं है जिसके कारण बच्चों को किचन शेड में ले जा कर पढ़ाई कराना पड़ रहा है लेकिन शिक्षा विभाग सोया हुआ है।

हालांकि इस पूरे मामले को लेकर जब हमने विकास खंड शिक्षा अधिकारी जी. सी .सिंग  से चर्चा की तो उनका कहना था कि कलेक्टर महोदय के आदेश बारिश के पहले ही जारी हो जाते हैं कि क्षतिग्रस्त स्कूलों में उसके नीचे बच्चों को कतई ना बैठाएं उसकी सूचना जिले में दी जाए छोटे-मोटे रिपेयरिंग के काम शाला स्तर पर होते हैं हाई स्कूल हाई सेकेंडरी एसम डी सी में पैसा आता है और वहां से मरम्मत किया जाता है यदि बड़ा वर्क रहे तो उसकी जानकारी जिले में दी जाती है और जहां तक सवाल है बीआरसी में कार्य योजना में नए विद्यालय के लिए प्रस्ताव कर दिया है और क्षतिग्रस्त स्कूल में बच्चों को बिठाने के कृति निर्देश नहीं है।

जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला पंचायत सीईओ का भी आदेश है कि जिले में जहां भी क्षतिग्रस्त स्कूल है उनका मरम्मत कार्य शीघ्र कराया जाए। विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि बगदरा स्कूल में 3 टीचर पदस्थ है और उन टीचरों को बच्चों को स्कूल में सुरक्षित बैठाना है अगर हमारे शासकीय भवन में जगह नहीं है या तो बाहर आंगनवाड़ी यह किसी भी प्राइवेट भवन में बच्चों को जाकर पढ़ाया जा सकता है लेकिन क्षतिग्रस्त स्कूल में बच्चों को पढ़ाना के निर्देश बिल्कुल भी नहीं है जबकि विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने हनुमान मंदिर के पास माध्यमिक स्कूल की बिल्डिंग पर बच्चों को पढ़ाने के लिए कहा था लेकिन बच्चों के पालक द्वारा यह कहा गया है कि हम अपने बच्चों को इतने दूर स्कूल में पढ़ाने नहीं भिजवाएंगे। और वहां के स्कूल स्टाफ को यह भी निर्देश दिए गए कि बच्चों को अञछतिग्रस्त स्कूल में ना बिठाले या तो किसी किराए के भवन में बच्चों को पढ़ाई बगदाद स्कूल की सुधार कार्य 15 से 20 दिनों के अंदर शुरू हो जाएगा जिसके लिए राशि भी जल्द ही आ जाएंगे।

जिले में 1985 प्रायमरी स्कूल है जबकि 868 मिडिल स्कूल है।इनमे कई स्कूल भवन खंडहर बन रहे है जिसके लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजे गए है। जबकि 215 स्कूलों की छतों को प्रोफ़ाइल सीटो से दुरुस्त करने की तैयारी चल रही है। काम अभी शुरू नही हुआ है लेकिन अफसर बेशर्मी भरे झूठ से सच को छिपा रहे है। उन्हें यह कहने में भी गुरेज नहीं है कि बारिश में कीड़े मकोड़े हमारे घरों में भी निकलते है।