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शीतला माता के दर्शन से होती है सभी मनोकामनाएं पूरी, ऐसी है शीतला माता की कहानी

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Oct 14, 2018

विनोद शर्मा - शीतला माता जैसा नाम वैसा काम जी हां इस मंदिर पर आने के बाद इंसान को मन के अंदर शीतलता का अहसास होता है ग्वालियर शहर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सातऊ की पहाडिया पर बना है शातला माता का मंदिर जहां नवरात्रा पर 9 दिनो तक लगातार भक्तो का तांता लगा रहता है।मंदिर के आसपास घनघोर जंगल है लेकिन दर्शन करने के लिए आने वालो को आज तक किसी भी परेशानी का सामना नही करना पडा है।

दरअसल मे शीलता माता की कहानी कुछ इस प्रकार है कि एक समय इस इलाके मे अकाल पड गया था पशुओ तक के लिए चारे और पानी की व्यवस्था तक नही थी जिसपर यहां का एक चरवाह अपने पशुओ को लेकर भिण्ड जिले के खरौआ गांव मे चला गया जहां पर शीतला माता का एक मंदिर था चरवाह रोज माता की पूजा करता था और पशुओ को चराता था लेकिन जब बारिश शुरु हो गई तो वह वापस अपने गांव आने लगा जिसपर शीतला माता प्रगट हुई।

माता चरवाहे के साथ साथ सातऊ गांव आ गई चरवाहे ने माता को पहाडी पर बैठने के लिए कहा और उसी समय से यहां माता का चमत्कार होने लगा धीरे धीरे लोग मंदिर पर आने लगे और आज इलाके इस मंदिर पर नव रात्री के दौरान लाखो की संख्या मे भक्त आकर माता के दर्शन करते है।

इस मंदिर के पुजारी का कहना है कि उनकी पाच पीढिया माता की सेवा करते आ हे है इस दौरान माता के कई चमत्कार उन्होने देखे है..बताया जाता है कि इस स्थान पर पहले पानी की कमी थी पीने के पानी के लिए लोगो को कोसो दूर जाना पडता था लेकिन माता के यहां विराजमान होने के बाद इलाके मे पानी ही पानी हो गया है अब हालात यह है कि किसी भी स्थान पर वोर करने पर पानी आसानी से निकल आता है इसके अलावा मंदिर पर ग्वालियर चंबंल अंचल के अलावा आसपास के राज्यो से भी भक्त यहां आकर माता के दर्शन करते है।