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सुषमा स्वराज ने की विभागों की समीक्षा, त्रि-स्तरीय मानीटरिंग प्रणाली पर दिया जोर

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Apr 3, 2018

विदेश मंत्री तथा विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद सुषमा स्वराज ने कहा है कि विदिशा को केवल शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला-बाल विकास ही नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रों में अग्रणी बनाने के लिये जन-प्रतिनिधियों को समन्वित प्रयास करने होंगे। सुषमा स्वराज आज अपने भोपाल निवास पर विदिशा जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला-बाल विकास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रही थीं। 

माइक्रो प्रबंधन की आवश्यकता
सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार के पास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये धन की कमी नहीं है। फिर भी सतत मॉनीटरिंग न हो पाने के कारण योजनाओं का लाभ उठाने से पात्र लोग वंचित रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिये माइक्रो प्रबंधन की आवश्यकता है। त्रि-स्तरीय मानीटरिंग प्रणाली होनी चाहिए। गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के काम काज की मानीटरिंग पंच-सरपंच करें। नगरीय क्षेत्रों में पार्षद यह काम करें तथा जिला स्तर पर मानीटरिंग का काम विधायक और सांसद करें।

निरीक्षण के समय अध्यापक की उपस्थिति अनिवार्य
उन्होंने कहा है कि सभी स्कूलों में उस स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक का चित्र लगाया जाये। निरीक्षण के समय जन-प्रतिनिधि और अधिकारी बच्चों से अध्यापक की उपस्थिति की जानकारी लें। यदि अध्यापक नहीं आते हैं तो उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाये। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डाक्टरों तथा ग्रामीण अंचलों में ए.एन.एम. की उपस्थिति को सुनिश्चित किया जाये। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीणों तक पहुंचे, इसके लिये जो भी आवश्यक कदम हों, उठाये जायें।

सुषमा स्वराज का जन प्रतिनिधियों से आग्रह
सुषमा स्वराज ने सभी जन-प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र के भ्रमण के समय ग्रामों में चल रही योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में अवश्य जानकारी लें। इस जानकारी से उन्हें भी अवगत करवाया जाये।

सर्वदलीय बैठक में उपस्थित रहे ये लोग
इस सर्वदलीय बैठक में सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, विधायक कल्याण सिंह, वीर सिंह पंवार, निशंक जैन सहित जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष, जनपद पंचायतों के अध्यक्ष, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला-बाल विकास विभागों के प्रमुख सचिव तथा विदिशा जिला कलेक्टर आदि उपस्थित थे।