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टेंडर घोटाला पहुँचा हाइकोर्ट, दोषियों पर होगी बड़ी कार्रवाई

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Jul 11, 2018

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के द्वारा  मध्यप्रदेश में हुए टेंडर घोटाले को प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला कहा गया है चाहे मध्यप्रदेश रोड कॉर्पोरेशन हो या मैप इट हो हर जगह अधिकारियों के द्वारा सबूत मिटाये जा रहे है तथा साइट से टेंडर हटाया जा रहा है इसी कड़ी में नैनपुर नगर पालिका का बहुचर्चित टेंडर घोटाला अब हाई कोर्ट पहुँच गया है पूरे मध्यप्रदेश में सबसे पहले ये घोटाला नैनपुर नगरपालिका में पकड़ाया टेंडर का समय बदलकर साइट ब्लॉक करके  अधिकारियों और नेताओं ने अपने पसंद के ठेकेदार को टेंडर दे दिया और टेंडर मैनेज किया गया।

नगर पालिका नैनपुर ने 2016 में टेंडर घोटाला किया लगातार दो साल तक टेंडर घोटाला करने के बाद नगरपालिका अधिकारी और ठेकेदारो के द्वारा की गई करोड़ो की ठगी पकड़ में आई इस घोटाले में पिछले परिषद की अध्यक्ष तथा नई परिषद के अध्यक्ष का संरक्षण अधिकारियों और ठेकेदारो को भी मिलता रहा नैनपुर नगर पालिका द्वारा किया गया घोटाला सबसे पहले हाइकोर्ट पहुँचा है तथा अब इस घोटाले में उच्चन्यायालय का जो भी निर्णय होता है वो पूरे प्रदेश में खलबली मचा देगा।
ये था मामला
नगर पालिका नैनपुर मै मुख्य नगरपालिका अधिकारी, उपयंत्री और नगर पालिका अध्यक्ष ने अपनी पसंद के ठेकेदारो के लिए टेंडर मात्र 1 मिनट से आधे घंटे के लिए ही खोला न ही टेंडर की किसी अख़बार में विज्ञप्ति निकाली गयी न ही टेंडर होने की किसी को कानोकान खबर हुई इतनी चतुराई से नगर पालिका अधिकारियों के द्वारा अपने चेहते ठेकेदार को टेंडर दिया कि किसी को पता ही नही चला टेंडर भरने के  सभी नियमो को दर किनार करते हुए नगर पालिका ने न ही ठेकेदार से जी एस टी नंबर लिया न ही पैनकार्ड।
अधिकारी नेता और ठेकेदार मामले को ठंडे बस्ते में डाल रहे है।
इस मामले की बात हो तो कोई भी अधिकारी नेता और ठेकेदार बात करने से बच रहा है जब इस मामले में शिकायतकर्ता ने मुख्यअभियन्ता प्रदीप कुमार मिश्रा नगरीय प्रशासन विभाग जबलपुर को टेलीफोन के माध्यम से इसकी शिकायत की तो अधिकारी ने मामले की जांच की और जांच मे बड़ा घोटाला सामने आया तो मामले को दबाने में लग गए और शिकायतकर्ता के मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया हर जगह शिकायत कर्ता ने जब शिकायत की और कहीं से इंसाफ नही मिला तो शिकायतकर्ता ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, लोकायुक्त तथा उच्चन्यायालय की शरण ली तथा सारे साक्ष्य जमा कर दिए।
रात में हुई साइट से छेड़छाड़
करोड़ो के गबन में पकड़े जाने के डर से अधिकारियों ने मामले के सबूत मिटाने शुरू किए देर रात साइट से सारा डाटा मिटा दिया गया तथा टेंडर के पुराने टेंडर के समय बदलने की भी कोशिश की गई दिनोदिन अधिकारियों नेताओ और ठेकेदारो में बढ़ती बैचेनी बता रही है कि टेंडर घोटाला कितना बड़ा है और इसके तार कहाँ तक फैले है।