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कार्यपालन मंत्री के बिगड़े बोल, बोले बंद कमरे में नहीं तो क्या पेड़ के नीचे खोलें टेण्डर

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May 4, 2018

अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिये बिजली बिभाग में पारदर्शिता का नही रखा गया ख्याल वही कार्यपालन मंत्री के बिगड़े बोल कहने लगे बंद कमरे में नहीं तो क्या पेड़ के नीचे खोले टेण्डर।

जिले में बिजली के सब स्टेशन के निर्माण के लिए करीब 2 करोड़ रूपए से अधिक राशि के टेण्डरों को चुनिंदा ठेकेदारों के बीच बंद कमरे में बिना किसी पारदर्शिता के खोले जाने का खेल बिजली विभाग में खेला गया और जब मीडिया कर्मी पहुंचे और सवाल जबाव किए तो कार्यपालन यंत्री (उप महाप्रबंधक) बीपी गौर के बिगड़े बोल और बोले कि बंद कमरा क्या होता है कमरे में खिड़की और दरवाजे तो खुले हुए बंद कमरा क्या होता है।

टेण्डरों को क्या पेड़ के नीचे जाकर खोला जाए उन्होंने कहा कि टेण्डर प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता का ख्याल रखा गया है मिली जानकारी के अनुसार जिले में सब स्टेशन के निर्माण किया जाने के लिए टेण्डर खोले गए यह टेण्डर वैसे तो आन लाइन मंगाए गए और इसमें दस्तावेज संग्लन ऑफ लाइन किए गए जिसमें किसी ना किसी कारण के 6 टेण्डरों को निरस्त कर दिया गया। उपयंत्री की माने तो 17 टेण्डर आए हुए थे जिनमें से 6 टेण्डरों में से दस्तावेज पूर्ण ना होने की वजह से निरस्त किए गए  जिले में सब स्टेशन निर्माण के लिए ग्राम उडदमऊ, अरका पिपला करन सिंह  में करीब 2 करोड़ से अधिक राशि के टेण्डर खोले गए। 

प्रभारी मंत्री से भी हो चुकी है शिकवा शिकायत, पूर्व में भी बिजली कम्पनी द्वारा सब स्टेशन के टेण्डरों में मनमनी करते हुए चहेतों को उपकृत किए जाने का मामला प्रभारी मंत्री सूर्य प्रकाश मीणा के पास शिकायत के रूप से पहुंच चुका है और  प्रभारी मंत्री द्वारा जांच के निर्देश भी दिए गए लेकिन बिजली कम्पनी के अधिकारियों द्वारा टेण्डरों में मनमानी किए जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है जहां कहने को तो ऑनलाइन टेण्डर में पारदर्शिता होने की बात कहीं जाती है लेकिन सूत्रों की माने तो ऑफ लाइन होने वाले टेण्डर दस्तावेजों में अधिकारी मिलीभगत करते हुए दस्तावाज निकाल देते है ओर इसी बहाने टेण्डर में खामियां बताकर निरस्त कर दिया जाता है।

एसी (महाप्रबंधक) मीडिया को देखकर चलते बने वहीं सब स्टेशन के टेण्डर प्रक्रिया के दौरान बिजली कम्पनी के वरिष्ठ अधिकरी एसी (महाप्रबंधक)अमृत पाल सिंह आए लेकिन उन्होंने प्रक्रिया को देखना मुनासिब नहीं समझा और जब उन्होंने मीडिया कर्मियों को देखा तो बहा से तुरंत बिना देरी किए चले गए वहीं काफी देर तक टेण्डर प्रक्रिया में किसी ना किसी वजह से प्रक्रिया को पूर्ण होने की बात करते हुए अधिकारी नजर आए वहीं नाम ना बताने की शर्त पर एक ठेकेदार ने बताया कि पहले ही तय हो गया था कि किसको टेण्डर दिया जाना है यह तो सिर्फ कागाजी खानापूर्ति किए जाने के लिए बुलाया गया है।