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छत्रसाल के वंशज पन्ना नरेश राघवेन्द्र सिंह जू देव को सौंपी गई महाराज छत्रसाल की दिव्य तलवार

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Oct 21, 2018

गणेश विश्वकर्मा - पद्मावती पुरी धाम पन्ना के प्राचीन खेजड़ा मंदिर में हजारो महामति के अनुयायी विशाल मंदिर प्रांगण में एकत्रित हुए और उस घड़ी का इंतजार करने लगे जो आज से लगभग चार शाताब्दी से महामति श्री प्राणनाथ द्वारा छत्रसाल को दिव्य तलवार एवं वीरा भेंट कर उन्हें विजय आशीर्वाद दिया था उसी परंपरा के निर्वाहन में प्रतिवर्ष दशहरा के दिन महाराज छत्रसाल के वंशजों को तलवार एवं वीरा भेंट किया जाता है जिसकी एक झलक पाने हजारों श्रद्धालुओं की नजरें टिकी रहती हैं।

श्री जी के चरणों में श्रद्धालुओं ने मत्था टेका

जैसे ही महाराज छत्रसाल के वंशज खेजड़ा मंदिर पहुंचे वहां उपस्थित सुंदरसाथ प्राणनाथ प्यारे और महाराजा छत्रसाल के जयकारों से वातावरण गुंजावित हो गया पन्ना महाराजा राघवेन्द्र सिंह जू देव को मंदिर के पुजारी द्वारा तलवार एवं वीरा भेंटकर परंपरा निभाई गई इस परंपरा के साक्षी बने देश-विदेश से आए हजारों सुन्दरसाथ श्रद्धालुओं ने अपने आप को धन्य महसूस करते हुए श्री जी के चरणों में मत्था टेका।

छत्रसाल ने जीता बुंदेलखंड

महामति श्री प्राणनाथ जी ने बुंदेलखंड की रक्षा के लिए महराजा छत्रसाल को वरदानी तलवार सौंपी थी तथा वीरा उठाकर संकल्प करवाया था जिससे महाराजा छत्रसाल पूरे बुंदेलखंड को जीत सके थे और अपना साम्राज्य स्थापित कर पन्ना को राजधानी बनाया था। पन्ना में सैकड़ों वर्षों से लगातार यह परंपरा चली आ रही है विजयादशमी के दिन आयोजित इस गरिमामयी कार्यक्रम में श्री प्राणनाथ जी मंदिर के पुजारी महाराज छत्रसाल के वंशजों का तिलक कर वीरा एवं तलवार देकर उस रस्म को निभाते हैं जो कभी महामति ने छत्रसाल को देश और धर्म की रक्षा के लिए प्रदान की थी

शरद पूर्णिमा महोत्सव में श्रद्धालु का लगता है तांता

अति प्राचीन स्थान श्री खेजड़ा मंदिर में इस भव्य उत्सव को देखने देश-विदेश के हजारों सुन्दरसाथ जुटते हैं जिनमें से कोई नेपाल से आता है तो कोई सिक्किम से, कोई गुजरात से तो कोई महाराष्ट्र से पूरे महोत्सव में देश की विविधता झलक रही थी। पवित्र नगरी पन्ना मे पद्मावतीपुरी धाम पन्ना में अन्तरराष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव में श्रद्धालु सुन्दरसाथ के आने का तांता लग गया है। रात-दिन यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है।