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उज्जैनः दरोगा और उसकी बहन पर हुए जानलेवा हमले के बहुचर्चित मामले का हुआ खुलासा

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Apr 24, 2019

अनिल बैरागी- देवदर्शन के लिये करीब 20 दिन पहले उज्जैन आईं उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा सीता सिंह और उनकी बहन नीता सिंह पर पर हुए जानलेवा हमले के बहुचर्चित मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने अपने तरह के इस अनूठे मामले में उन तीन हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है जो सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहे थे। गौर करने की बात ये है इन तीनों हमलावरों को उत्तर प्रदेश से ही हायर कर इंस्पेक्टर सीता सिंह और उसकी बहन नीता सिंह की हत्या करने की साजिश रची गई थी। खास बात ये है कि इंसपेक्टर सीता सिंह और उसकी बहन नीता सिंह की हत्या की साजिश रचने वाला कोई और नहीं बल्कि इंस्पेक्टर का पति अनुज सिंह जो सीआईएसएफ में एसएसआई है वो और ससुर यादकरण सिंह थे। जिन्होंने इन्स्पेक्टर सीता सिंह की हत्या की साजिश रची थी और हमलावरों को उन्हीं के साथ उसी ट्रेन से उत्तर प्रदेश से उज्जैन भेजा था। जिस ट्रेन से इंस्पेक्टर सीता सिंह अपने पति और बहन नीता और उसके पति के साथ उज्जैन आई थी। मंगलवार को पुलिस महानिरीक्षक उज्जैन राकेश गुप्ता ने डीआईजी अविनाश शर्मा,एसपी सचिन अतुलकर, एडिशनल एसपी नीरज पांडेय और प्रमोद सोनकर की उपस्थिति में प्रेस कांफ्रेंस लेकर इस बहुचर्चित जानलेवा हमले का खुलासा किया।

पति और ससुर ने रची थी साजिश, 2 लाख में दी थी सुपारी

दरअसल घटना 3 अप्रैल की है। उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के नोएडा में इंस्पेक्टर सीता सिंह अपने पति सीआईएसएफ में एएसआई अनुज सिंह, अपनी बहन नीता सिंह और उसके पति के साथ 31 मार्च को उज्जैन देवदर्शन के लिए आई थी। वे यहाँ तिरुपति धाम कालोनी में अपने परिचित वैभव मिश्रा के घर रुके थे। घटना वाले रोज 3 अप्रैल को रात में तीन बदमाशों ने सीता सिंह और उसकी बहन नीता सिंह पर उस समय जानलेवा हमला कर दिया था जब वे वैभव मिश्रा के घर सोई हुई थी। वारदात के बाद से ही पुलिस को सीता सिंह के पति अनुज सिंह पर शक था क्योंकि पुलिस के सामने ये सवाल शुरू से था कि जिस कमरे में सीता और नीता सोई हुई थीं उसका दरवाजा किसने खोला। हालांकि घर के बाहर लगे सीसीटीवी से बात साफ जाहिर हो रही थी कि तीन बदमाश घर के अंदर गए और हमला करने के बाद बाहर निकले।

पुलिस को इस बात का शक था कि हमलावर स्थानीय न होकर बाहरी हैं

आईजी राकेश गुप्ता के मुताबिक पुलिस को इस बात का शुरू से शक था कि हमलावर स्थानीय न होकर बाहरी हैं। इसलिए पुलिस ने सीता सिंह सहित उसके पति बहन नीता और उसके पति उनके परिचित वैभव मिश्रा के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो पता सीता के पति अनुज सिंह पर शक और गहराया क्योंकि वो लगातार उत्तर प्रदेश के अन्य लोगों से मोबाईल पे संपर्क में था। जांच मे पुलिस को पता चला कि सीता सिंह अपनी बहन और पति के साथ जिस ट्रेन से उज्जैन आई थी उसी ट्रेन से तीनों हमलावर भी उज्जैन आये थे। हत्या की साजिश का कारण सीता सिंह के नाम एक करोड़ का बीमा और पारिवारिक मतभेद सम्भव है। पुलिस के मुताबिक हालांकि अभी ये पुख्ता नहीं है क्योंकि अभी सीता के पति और ससुर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। क्योंकि दोनों सरकारी नौकरी में है लिहाजा उनकी गिरफ्तारी के लियर विभागीय तौर पर जानकारी भेजी गई है।

पीड़िता की ननद सहित तीनों हमलावर गिरफ्तार

एसपी सचिन अतुलकर के मुताबिक हमलावर महाकाल क्षेत्र स्थित एक होटल में रुके थे। रात में जिस रोज घटना हुई उसी रात पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया और शहर से बाहर जा रहे हर किसी का नाम पता और अन्य डिटेल इकट्ठा की गई थी। इसी जानकारी माधवनगर चेक पाइंट से गुजरे कुछ लोगों के नाम पता मिले थे। जिनकी पड़ताल की गई तो पता चला कि उनकी इस जानलेवा हमले में संलिप्तता है। लिहाजा हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो इस वारदात का सच सामने आ गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गजेंद्र चौहान अमरोहा उप्र, करण वीर सिंह अमरोहा और चंद्रशेखर खड़गवंशी हैं जबकि चौथी आरोपी सीता सिंह की ननद अनुराधा उर्फ नीतू हैं। आरोपियों को गिरफ्तार करने और इस बहुचर्चित मामले के खुलासे में टीआई चिमनगंज मनीष मिश्रा,सब इंस्पेक्टर रोहित पटेल, टीआई महाकाल अरविंद सिंह तोमर, सब इंस्पेक्टर प्रीति सिंह,एएसआई एसएस अलावा,प्रधान आरक्षक मानसिंह, प्रवीण सिंह,राहुल कुशवाह, प्रेम सभरवाल,कुलदीप, सोमेंद्र दुबे, राहुल पंवार,जितेंद्र पाटीदार, महेश जाट,सुनील बघेल,राजपाल चंदेल, क्राइम ब्रांच के कमल सिंह ठाकुर,मंगल,रूपेश, अंकित, कपिल,बलराम, सहित जितेंद्र सिंह चौहान,शैलेष योगी,श्यामबरन, हरेंद्र, राजेश कुमार, विनोद ठाकुर,अरुण ओझा, राकेश यादव की सराहनीय भूमिका रही। आईजी ने टीम को 30 हजार का इनाम घोषित किया है।