Jun 20, 2018
ताप्ती नदी पर करोड़ों की लागत से बन रहे पारसडोह डैम के बनने के बाद कुछ ही किसानों को इसका फायदा मिल पाएगा। बैतूल और आठनेर क्षेत्र के लगभग 43 ऐसे गांव है, जहां रहने वाले हजारों किसान करोड़ों के इस डैम के बन जाने के बावजूद सिंचाई से वंचित हो जाएंगे। आज इन ग्रामों में रहने वाले सैकड़ों किसानों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जनप्रतिनिधियों पर स्वीकृत सर्वे में अपनी मनमर्जी और पक्षपात किए जाने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर शशांक मिश्र को ज्ञापन सौंपा है।
ताप्ती नदी पर बन रहे इस डैम का लाभ न मिलने की स्थिति में कई किसान चिंतित है। क्योंकि पूर्व में किए गए सर्वे को नजरअंदाज करने से नहरें भी प्रभावित होंगी और किसानों को सिंचाई के लिए पानी ही नहीं मिल पाएगा। जिला मुख्यालय पर पहुंचे किसानों ने बताया कि वर्तमान में डैम का निर्माण कार्य प्रगति पर है, लेकिन सर्वे में जितना रकबा सिंचित किया जाना प्रस्तावित था, उसमें बदलाव किया जा रहा है। जबकि यह सर्वे बांध की स्वीकृति के पहले ही सिंचाई विभाग द्वारा किया जा चुका था, लेकिन अब बदलाव के चलते बैतूल ब्लाक के 23 और आठनेर ब्लाक के 20 गांवों में रहने वाले हजारों किसानों को सिंचाई के लिए पानी ही नहीं मिल पाएगा।
किसानों का कहना है कि सुनियोजित तरीके से सर्वे कार्य में बदलाव किया जा रहा है। पहले जो सर्वे किया गया था, उस सर्वे में बैतूल ब्लॉक के 23 आठनेर ब्लॉक के 20 एवं पट्टन ब्लॉक के 13 गांव के लोगो को पानी मिल रहा था परंतु अब मनमर्जी से किये जा रहे बदलाव के कारण उन गांवो के लोगो को भी पानी नही मिल रहा है जिन गांवों के लोगों की भूमि इस डैम में चली गई है अब इस डैम के बनने से कुछ हीगांव के लोगो को फायदा मिलेगा।