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सर्प दंश से दो दिनों में दो बालिकाओ की मौत

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Jul 15, 2018

आदिवासी बाहुल्य परसवाड़ा क्षेत्र में आज भी लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित देखा जा रहा है वहीं क्षेत्र के पिछड़ेपन का दंश यहां की जनता आर्थिक तंगी के रुप में झेल रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण परसवाड़ा से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम कोरजा में देखने को मिला गया जहां पर एक 12 वर्षीय बालिका अपने ही घर में जमीन पर सो रही थी कि अचानक रात्रि में 4:00 बजे उसे दाहिने हाथ में किसी चीज़ ने काट दिया जिसको लेकर बालिका ने शोर मचाना शुरू किया तभी पास में सोई उसकी माता व परिजन जाग गए और तुरन्त ही उसके बिस्तर को लपेट कर अलग कर दिया और आसपास देखने पर उन्हें कुछ नहीं दिखाई दिया।

किंतु कुछ देर बाद बालिका शीतल के मुंह से झाग निकलने लगा तब परिजनों को शंका हुई और बिस्तर को पुनः अच्छी तरह से झटकार कर देखा गया तो उसमें से एक सांप निकला, तभी परिजनों ने उस जहरीले दांडेकर साहब को मार दिया तथा ग्राम में ही झाड़-फूंक का प्रयास किया गया किंतु तब तक 12 वर्ष की बालिका शीतल दम तोड़ चुकी थी।

इसी तरह का एक मामला ग्राम कनई का है। जहां पर एक 7 वर्षीय बालिका गौरी पिता महेंद्र पंचतिलक की दांडेकर सांप के द्वारा काटे जाने से मौत हो गई, आए दिन क्षेत्र में हो रही सर्पदंश की घटनाओं पर ग्रामीण जनों का जागरुक नहीं होना भी मौत का कारण बन रहा है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसवाड़ा में एंटीवेनम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है परंतु सर्प दंश के बाद ग्रामीण जन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसवाड़ा तक नहीं पहुंच पाते हैं जिसकी वजह से क्षेत्र में कई जाने जा चुकी है।